अनूप कुमार शुक्ल की सोशल मीडिया पोस्ट से
कानपुर : 15 अगस्त 2025:
- सन् 1925 के कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार महिला अध्यक्ष बनीं सरोजनी नायडू
-महात्मा गांधी ने अध्यक्षीय आसन सौंपा।
- अधिवेशन में महिला स्वयंसेवक समिति की प्रधान श्रीमती ताईजी दीक्षितAnoop Shukla 
स्वतन्त्रता आंदोलन और कानपुर की मातृशक्ति
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कानपुर मे आयोजित सन् 1925 के कांग्रेस के अधिवेशन मे पहली बार किसी महिला को कांग्रेस का सभापति /अध्यक्ष बनाया गया | महत्मा गांधी से अध्यक्षीय आसन सरोजनी नायडू को मिला | उस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए बनी कमेटियो मे महिला स्वयंसेवक समिति की प्रधान थी कानपुर की श्रीमती ताईजी दीक्षित | उनका जीवनवृत्त तो नहीं मिला लेकिन क्रांतिकारियों व कांग्रेसियो की प्रेरक ताई जी का सन् 1920 का एक दुर्लभ चित्र मिला | आइये आजादी की महिला सेनानियो का नाम स्मरण करे ....
1- श्रीमती सुनीति देवी (मासी मां ) 
2- श्रीमती ननिवाला देवी 
3- सूरजबली नादिरा 
 (युगल सेनानी )
4 - निशातुन्निशा बेगम / हसरत मोहानी 
5- कै.डा. लक्ष्मी सहगल /प्रेम कुमार सहगल 
6-मानवती आर्या / कृष्णचन्द्र आर्य 
7- शकुन्तला श्रीवास्तव / हरिहर नाथ शास्त्री 
8 - साधना शास्त्री / राजाराम शास्त्री 
9 - तारा अग्रवाल / प्यारेलाल अग्रवाल 
10- प्रभा दीक्षित / ब्रह्मदत्त दीक्षित 
11- ब्रजरानी मिश्रा / ब्रजकिशोर मिश्र 
12- नारायणी त्रिपाठी / कालिकाप्रसाद त्रिपाठी" मलिन्द "
13- राजकुमारी गुप्ता /मदनमोहन गुप्त " प्रवीण"
14- गनहा देवी / हकीम कन्हैयालाल जैन 
15 चन्द्रकली /मन्नीलाल पांडे
16 श्री देवी मुसद्दी /रामचन्द्र मुसद्दी 
17 पार्वती देवी / उमादत्त वाजपेई 
18 रामदुलारी / रामाधार त्यागी 
19 रुकमनी देवी / महावीर प्रसाद यागिक 
20 गंगा देवी शुक्ला 
21 गुलाब देवी निगम 
22 चन्द्रावती शुक्ला 
23 ज़मुना देवी 
24 जवाहरो देवी 
25 जसकंवर देवी 
26 तारा देवी उर्फ तुलसा देवी 
27 धर्मवती 
28 फूलमती कुमारी चतुर्वेदी 
29 रानी देवी शुक्ला 
30 रामकली देवी 
31 राम देवी 
32 बिद्यावती शुक्ला 
33 विद्यावती गुजराती 
34 विलास देवी 
35 शकुन्तला देवी 
36 सरस्वती देवी 
37 सावित्री देवी अवस्थी 
38 सुन्दरी देवी 
39 सुमित्रा देवी 
40 सोहन देवी शर्मा 
41 कंठ श्री देवी 
42 कृष्णा कुमारी 
43 राजाबाई 
44 बिद्या देवी
उपरोक्त सूची मे वृद्वि करे ....जाने अनजाने छूटे नाम जोड़े |
सन् 1925 में कानपुर में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार किसी महिला को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। यह सम्मान सरोजिनी नायडू को प्राप्त हुआ, जो उस समय की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष थीं.
इस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए विभिन्न समितियां बनाई गईं, जिनमें महिला स्वयंसेवक समिति भी शामिल थी, जिसकी प्रधानता कानपुर की श्रीमती ताईजी दीक्षित ने की.
सरोजिनी नायडू को उनके साहित्यिक योगदान के लिए 'भारत कोकिला' का खिताब भी दिया गया था। बैठक में उनके अध्यक्षीय भाषण ने साम्राज्य के उद्घाटन और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला.
अधिवेशन में महिला सशक्तिकरण को सम्मान दिया गया और महिलाओं को नेतृत्व के अवसर प्रदान किए गए। यह क्षण न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि भारतीय समाज के लिए भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ.
 कानपुर का 1925 का अधिवेशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व का अभूतपूर्व उदाहरण प्रस्तुत किया गया।


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