• मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' से छिंदवाड़ा में 11 बच्चों की मौत
• किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हुईं
• घटना की शुरुआत 24 अगस्त कोऔर पहला मामला 7 सितंबर को सामने आया।
• मध्य प्रदेश सरकार ने सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की घोषणा
• जांच में सिरप में हानिकारक डाइ-एथिलीन ग्लाइकोल जिसके कारण बच्चों की मौत
• छिंदवाड़ा के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार
कानपुर :5 अक्टूबर 2025छिंदवाड़ा: 5 अक्टूबर 2025
मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' के कारण बच्चों की मौतों के मामले ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। इस समस्या की शुरुआत छिंदवाड़ा जिले में हुई, जहां इस सिरप के सेवन से 11 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो गए थे विशेषकर किडनी फेलियर का। घटना का आरम्भ 24 अगस्त को शुरू हुआ जब पहली संदिग्ध मौत की रिपोर्ट आई। पहले बच्चे की मौत 7 सितंबर को हुई। छिंदवाड़ा में इलाज के दौरान बच्चों की किडनी में गंभीर समस्याएँ पाई गईं, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ गई।
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बयान दिया कि सिरप की बिक्री पर बैन लगा दिया है। दोषी को बख्शा न जाएगा और पीड़ित बच्चों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा ।
सैंपल जांच के दौरान पता चला कि सिरप में मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक डाइ-एथिलीन ग्लाइकोल जहरीला पदार्थ उपस्थित था ।
छिंदवाड़ा के प्रमुख शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने इन बच्चों का इलाज किया था। स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही प्रभावित बच्चों की स्क्रीनिंग का कार्य शुरू कर दिया है, सुनिश्चित करने के लिए कि आगे कोई मामला न हो।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से
निष्कर्षित है कि सरकार गंभीरता से मुद्दे को ले रही है। यह भी स्पष्ट है कि बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की गहरी जांच और तत्परता की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों। इस सिलसिले में उचित न्याय और पीड़ित परिवारों की सहायता आवश्यक है।
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