अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बमबारी रोकने के आदेश के बाद भी इजरायल ने गाजा पर हमले जारी : 4 अक्टूबर 2025 को इजरायली एयर स्ट्राइक से छह फलस्तीनी नागरिकों की मौत:गाजा सिटी में चार: खान यूनिस में अन्य दो की मृत्यु

• अमेरिकी बमबारी रोकने के आदेश के बाद इजरायल ने गाजा पर हमले जारी 
• 4 अक्टूबर 2025 को इजरायली हवाई हमलों में छह फलस्तीनी नागरिकों की मौत
• ट्रंप ने गाजा के लिए 20-सूत्रीय शांति योजना पेश हमास ने आंशिक रूप से स्वीकार किया।
• इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा योजना के पहले चरण को लागू किया जा रहा
• सैन्य कार्रवाई जारी है, जिससे गाजा में हालात गंभीर हो गए हैं।
• गाजा पट्टी में इजरायल के हमलों में अब तक कम से कम 61 फिलिस्तीनी मारे गए
कानपुर : 4 अक्टूबर 2025
4 अक्टूबर 2025:व्हाइट हाउस:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बमबारी रोकने के आदेश के बाद भी इजरायल ने गाजा पर हमले जारी रखे, 4 अक्टूबर 2025 को इजरायली एयर स्ट्राइक के परिणामस्वरूप छह फलस्तीनी नागरिकों की मौत हुई, जिसमें गाजा सिटी में एक हमले में चार लोग मारे गए और खान यूनिस में अन्य दो की मृत्यु हुई. अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि गाजा पट्टी में इजरायल के हमलों में अब तक कम से कम 61 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
हमास द्वारा ट्रम्प की गाजा योजना पर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के बाद आया है, जिसमें समूह फिलिस्तीनी टेक्नोक्रेट को क्षेत्र का प्रशासन सौंपने और फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में सभी इजरायली बंदियों को मुक्त करने पर सहमत हुआ है। ट्रंप ने गाजा के लिए अपनी 20-सूत्रीय शांति योजना पेश की थी, जिसे हमास द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार किया गया था। हमास ने इजरायल में बंद कुछ फलस्तीनी कैदियों के बदले सभी बंधकों को रिहा करने का वादा किया था।
ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बमबारी रोकने का आदेश दिया था, इजरायल ने इस आदेश का पालन नहीं किया और आक्रामकता की रुख बनाए रखा।
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि युद्ध समाप्त करने और बंधकों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए ट्रंप की योजना के पहले चरण को लागू किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाइयाँ जारी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इज़राईली हमलों के कारण गाजा में हालात गंभीर हो चुके हैं और हमले इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान सुरक्षा स्थिति में कोई सुधार नहीं ला सके हैं। गाजा में अब तक 66,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकतर नागरिक हैं।
यह घटना मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया को और जटिल बना रहा है, और स्थिति को देखते हुए, भविष्य में कोई स्थायी समाधान निकल पाना मुश्किल दिखता है।

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