निर्धारित 11 घंटे की अवधि में एक ईवीएम में केवल 660 मतदाता ही मतदान कर सकते हैं, तो प्रति मतदान केंद्र 1,500 मतदाताओं को निश्चित करने से कई मतदाता अपना मत और मताधिकार से वंचित होगे।
नई दिल्ली:3 दिसंबर, 2024
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों बहस व चर्चा जारी है उक्त की निरन्तरता मे सर्वोच्चय न्यायलय ने सोमवार को चुनाव आयोग से जनहित याचिका पर जवाब मांगा है कि आशंका है कि कई मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा क्योंकि ईवीएम प्रति दिन अधिकतम 660 वोट दर्ज कर सकती है प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,000 से बढ़कर 1,500 हो गई हो और मतदान दिवस मे 11 घन्टे मतदान आयोजित होगा ।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता मनिंदर सिंह से हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा कि याचिकाकर्ता इंदु प्रकाश सिंह द्वारा उठाए गए प्रश्नो को आयोग ने कितनी भम्भीरता से अध्यन किया है । अगली सुनवाई 27 जनवरी को है।
आयोग के अधिवक्ता मनिंदर सिंह के अनुसार चुनाव कराने से पहले चुनाव आयोग ने प्रत्येक राजनीतिक दल से परामर्श किया और मतदाता के मतदान नहीं कर पाने की शिकायत नही आई । व उच्चतम न्यायालय के समक्ष ईवीएम की दक्षता पर प्रश्न किये गए और न्यायालय ने सत्यापन के बाद मशीनों द्वारा मतदान की अनुमति दी । परन्तु यह कि "आपके 2019 के परिपत्र मे कुछ भ्रम है जिसमें प्रति मतदान केंद्र मे मतदाताओं की संख्या 1000 से बढ़ाकर 1,500 कर दी गई है।
याची ने दावा किया कि भले ही मतदान केंद्र मे चुनाव अधिकारी अत्यन्त तेज हो फिर भी एक मतदाता को अपनी पहचान जांचने, मतदाता सूची में नाम चिह्नित करने, उंगली पर अमिट स्याही लगाने, वोट डालने और वीवीपीएटी को सत्यापित करने में एक मिनट लगेगा और मतदान निर्धारित दिन पर 11 घंटे के लिए विस्तारित कर दिया है ।
इस प्रकार 11 घंटे के निर्धारित समय में कुल 660 मतदाता मतदान कर सकेंगे। प्रति मतदान केंद्र मे मतदाताओं की सीमा 1,000 से बढ़ाकर 1,500 कर दी गई है। 2019 के आम चुनावों में, प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की औसत संख्या 877 दर्ज की गई, जो 2014 में 898 से कम थी। इन आंकड़ों को देखते हुए, पुनर्विचार करना और प्रति मतदान केंद्र 1,500 मतदाताओं की ऊपरी सीमा को कम करके 1,000 करना आवश्यक है।
'मतदान सीमा को बढ़ाकर आयोग ने मतदान केंद्रों की परिचालन दक्षता से समझौता किया है, लंबे समय तक प्रतीक्षा समय, भीड़भाड़ और मतदान बोझ बन रहा है.'
निर्धारित 11 घंटे की अवधि में एक ईवीएम में केवल 660 मतदाता ही मतदान कर सकते हैं, तो प्रति मतदान केंद्र 1,500 मतदाताओं को निश्चित करने से कई मतदाता अपना मत नहीं डाल पाएंगे और मताधिकार से वंचित होगे।
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