सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए गंगा के तटो पर उमड़ी श्रद्धालुओं की सुनामी
बिठूर सारसैया घाट व शुक्लागंज में लाखों श्रद्धालु का स्नान
सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं.
सोमवती अमावस्या को गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य
पितरों के तर्पण और श्राद्ध से जीवन में सुख और शांति
सोमवती अमावस्या पर टेलीकास्टदूडे की शुभकामनाये ।
कानपुर दिसंबर 30, 2024
कानपुर दिसंबर 30, 2024 सोमवती अमावस्या पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंच रहे है । हरिद्वार कानपुर और प्रयागराज में विद्यमान घाटों पर भीड़ सुबह से भीड़ देखने को मिली है, भक्तों के विशाल समूह हरिद्वार, प्रयागराज कानपुर और अन्य पवित्र स्थानों पर गंगा स्नान के लिए एकत्रित है ।
कानपुर घाटों पर श्रद्धालु गंगा के तटो पर सुबह चार बजे से ही गंगा में स्नान के लिए पहुंचने लगे और इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। जगह-जगह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, विशेष रूप से बिठूर सारसैया घाट व शुक्लागंज का मिश्रा घाट किनारे लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहे है ।
सोमवती अमावस्या के अवसर पर पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए विभिन्न देशो से भी हजारों श्रद्धालु सोमवार सुबह-सुबह गंगा के तटो पर एकत्र है, . सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा में लगाई डुबकी अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक महत्व होता है. इस दिन पितरों के लिए स्नान, दान, पूर्वजों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पीपल के पेड़ की प्रार्थना जैसे अनुष्ठान करना बेहद शुभ है.विश्वास से प्रेरित होकर कि इस तरह के कृत्य आशीर्वाद, समृद्धि और दैवीय कृपा पाते हैं.
भक्तों का मानना है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और यह दिन विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है। इस अवसर पर स्नान के साथ-साथ दान-पुण्य करने का भी महत्व है, जिससे व्यक्ति को श्रद्धा और आस्था के धागे में बंधी भक्ति की भावना को और मजबूती मिलती है)।
सोमवती अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस दिन स्नान करने और पूजा-पाठ करने से परिवार में सुख, समृद्धि, शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है
ब्रिटेन से आये श्रद्धालु ने कहा , "यह आस्था का त्योहार है.शास्त्रो के अनुसार द्वापर युग के दौरान सोमवती अमावस्या नहीं होती थी जिसके कारण युधिष्ठिर ने मां गंगा को कलयुग में अधिक बार प्रकट होने का श्राप दिया था ताकि में मानवता को अपना आशीर्वाद दे सकें."
"स्नान करने से एक पवित्र अनुभूति होती है और उस भावना को शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है. वातावरण उत्साहजनक लगता है. इतनी कड़ाके की ठंड में पैर रखने की जगह नहीं है. हमारे अंदर शायद हमारी मान्यताएं हैं, हमारे ग्रंथ हैं और लोगों का विश्वास हमे यहाॅ लाता है ।"
श्री लंका से आये भक्त ने कहा, "मैंने पहली बार गंगा आरती में भाग लिया और असीम शांति का अनुभव किया. ठंड के बावजूद, आध्यात्मिक वातावरण सार्थक बनाता है. मैंने लोगों की सुरक्षा और देश खुशी के लिए प्रार्थना की
"हम श्री लंका से आये भक्तो ने सोमवती अमावस्या पर स्नान करने के लिए लंबी दूरी तय की है. शांति और खुशी के लिए प्रार्थना कर रहे है."
सोशल मीडिया पोस्ट मे लिखा है कि , "आज गंगा में स्नान करना विशेष है. मैं और मेरा परिवार मां गंगा के प्रति गहरी भक्ति और श्रद्धा की भावना महसूस करते हैं. यह हम सभी के लिए एक संतुष्टिदायक अनुभव है."
इस दिन श्रद्धालु पीपल के वृक्ष की 108 परिक्रमा करते हैं, सरसो का तेल व हल्दी का परहेज करते है । जिससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गंगा स्नान करने से व्यक्ति अपनी आत्मा को शुद्ध करता है और पितरों को तृप्त करता है। इस समय के दौरान किया गया दान और पुण्य भी अक्षय माना जाता है.
अनुमानित संख्या के अनुसार, इस सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार और प्रयागराज में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 30 से 40 लाख होगी, और यह संख्या विशेष रूप से तीर्थ स्थलों पर भीड़ को देखते हुए बढ़ सकती है।
इस पर्व के महत्व और विशेष रूप से संतोषजनक अनुभव के लिए श्रद्धालु हर वर्ष सोमवती अमावस्या का इंतजार करते हैं, ताकि वे गंगा में स्नान करके पुण्य अर्जित कर सकें.
सोमवती अमावस्या पर टेलीकास्टदूडे की शुभकामनाये ।
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