Hot Posts

20/recent/ticker-posts

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार रात भगदड़ . 6 भक्तों की मौत अन्य 160 घायल

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार रात भगदड़
इसमें 6 भक्तों की मौत अन्य 160 घायल
कल सुबह सीएम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तिरुपति का दौरा करेंगे.
5वीं शताब्दी तक यह एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित तिरुपति मंदिर
रोजाना करीब 3 लाख प्रसिद्ध लड्डू का प्रसाद दिया जाता है
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू  एन. रघुवीर रेड्डी अध्यक्ष आंध्र प्रदेश कांग्रेस  व काग्रेस के राष्टृीय अध्यक्ष श्री मलिकारजुन खडगे ने भगदड़ में हुई श्रद्धालुओं की मौत पर शोक व्यक्त 

कानपुर 9 जनवरी, 2025
आंध्र प्रदेश 8 जनवरी, 2025 तिरूपति भगदड़ की घटना पर टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) बोर्ड के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी की सोशल मीडिया की पोस्ट के अनुसार ने कहा, "एकादसी दर्शन' के लिए टोकन वितरित करने के लिए हमने 91 काउंटर खोले...यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भगदड़ हुई। भगदड़ में 6 भक्तों की मौत हो गई और 40 घायल हुए जिनको हम सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। मैं भक्तों से माफी मांगता हूं। हम जांच करेंगे और गंभीर कार्रवाई करेंगे...कल सुबह सीएम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तिरुपति का दौरा करेंगे..."
यह अफरा-तफरी मच उस समय हुयी जब वैकुंठ एकादशी पर दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कतार में खड़े थे। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने पहले ही घोषणा की थी कि 10 से 19 जनवरी के बीच वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए मंदिर के द्वार खोले जाएंगे। लेकिन भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। 
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कतार में खड़े 4,000 से अधिक श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई   लोग दूसरों के पैरों तले बुरी तरह कुचलकर  गए  और कई दर्जन लोग घायल हो गए हैं. घायलों को रेस्क्यू करने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मरने वालों में एक श्रद्धालु की पहचान तमिलनाडु के सेलम निवासी के तौर पर हुई है अन्य मल्लिका नाम की एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई. बाकी मृतकों की पहचान की जा रही है। , जबकि अन्य 160 घायल हो गए। 
10 जनवरी से शुरू हो रहे 10 दिन के वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु आए हैं.   तिरुपति मंदिर में कई श्रद्धालु तिरुमाला हिल्स स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टिकट हासिल करने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे. 
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भगदड़ में हुई श्रद्धालुओं की मौत पर शोक व्यक्त किया है.
एन. रघुवीर रेड्डी अध्यक्ष आंध्र प्रदेश कांग्रेस  व काग्रेस के राष्टृीय अध्यक्ष श्री मलिकारजुन खडगे ने सोशल मीडिया की पोस्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश में विश्व प्रसिद्ध श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के बैकुंठ द्वार पर हुई दुखद दुर्घटना में अनेक श्रद्धालुओं के असामयिक निधन का समाचार अत्यंत ही हृदय विदारक है। इस दुर्घटना में घायल हुए सभी श्रद्धालुओं के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं, परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान देकर शान्ति प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों को यह भीषण कष्ट सहन करने हेतु संबल प्रदान करें। ।।ॐ शान्ति:।।

 यह मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे मानव जाति को कलियुग की परीक्षाओं और परेशानियों से बचाने के लिए पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। इसलिए इस स्थान का नाम कलियुग वैकुंठ भी पड़ा है और यहां के देवता को कलियुग प्रत्यक्ष दैवम कहा जाता है। इस मंदिर को तिरुमाला मंदिर, तिरुपती मंदिर और तिरूपति बालाजी मंदिर जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। वेंकटेश्वर को कई अन्य नामों से जाना जाता है बालाजी, गोविंदा और श्रीनिवास। मंदिर तिरुमला तिरुपती देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा चलाया जाता है, जो आंध्र प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है। टीटीडी के प्रमुख की नियुक्ति आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा की जाती है। तमिल के साहित्य में तिरुपति को त्रिवेंगदम कहा गया है। तिरुपति के इतिहास को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं।  5वीं शताब्दी तक यह एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका था।  चोल, होयसल और विजयनगर के राजाओं का आर्थिक रूप से मंदिर के निर्माण में खास योगदान था।
मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं रोजाना करीब 3 लाख  प्रसिद्ध लड्डू का प्रसाद दिया जाता है।  हैं, जिनकी रेसिपी 300 साल पुरानी है। बालाजी के दर्शन दिन में तीन बार होते हैं, लेकिन उनकी पूरी मूर्ति के दर्शन केवल शुक्रवार को सुबह अभिषेक के समय ही किए जा सकते हैं।

Post a Comment

0 Comments