- कानपुर पुलिस में विवेचना अधिकारियों के रिश्वतखोरी के मामले बढ़ रहे हैं
- विवेचना अधिकारी अभिनव चौधरी ₹20000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार और सस्पेंड
- एंटी करप्शन टीम ने शिकायत के आधार पर विवेचना अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ा।
- युवक ने एंटी करप्शन टीम को रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।
- गिरफ्तार विवेचना अधिकारी को लखनऊ में एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा।
- मामला जमीनी विवाद में आरोप लगा कि नामजद आरोपी ने कागजों में हेरफेर किया।
- डीसीपी साउथ ने विवेचना अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है पुष्टि की है ।
- उपनिरिक्षक से उपर के अधिकारी पकड से दूर
पुलिस आयुक्तालय कानपुर नगर @kanpurnagarpol 9h
दिनांक 09.06.2025 को एंटी करप्शन की टीम द्वारा थाना नौबस्ता में नियुक्त एक उपनिरिक्षक को 20000 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है एवं इस संबंध में एंटी करप्शन के द्वारा थाना छावनी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में अभियोग भी पंजीकृत कराया गया है। आज दिनांक 10.06.2025 को आरोपी उपनिरिक्षक को जेल भेजा गया है। पुलिस उपायुक्त दक्षिण, श्री दीपेन्द्र नाथ चौधरी।
नौबस्ता थाना क्षेत्र मे एंटी करप्शन टीम ने कानपुर के नौबस्ता थाने में तैनात सबइन्स्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. जमीनी के पुराने विवाद की विवेचना कर रहे अधिकारी ने एक नामजद आरोपी का नाम हटाने लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. युवक ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की. इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर विवेचना अधिकारी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
सोमवार शाम को विवेचना अधिकारी ने युवक को नौबस्ता क्षेत्र के श्रीराम चौक पर पैसे लेकर बुलाया. इधर, युवक ने एंटी करप्शन टीम को पहले से ही जानकारी दे दी थी. जैसे ही युवक ने रुपए दिए, वहीं पास में खड़ी एंटी करप्शन टीम ने उसे तुरंत ही दरोगा को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद दरोगा को लखनऊ ले जाया गया है, जहां एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा. होजरी कारोबारी त्रिपुरेश मिश्रा ने 14 जनवरी 2025 को नौबस्ता थाने में प्रत्युष कुमार सहित चार लोगों पर जालसाजी और रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगा कि नौबस्ता के मछरिया में मौजूद पुस्तैनी मकान को प्रत्युष द्वारा कागजों में हेर-फेर करके कब्जा करने का प्रयास किया गया. मामले में नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मुकदमे की विवेचना अधिकारी अभिनव चौधरी कर रहे थे. उन्होंने पीड़ित का नाम निकालने के लिए ₹20000 की रिश्वत मांगी ।प्रत्युष और अभिनव के बीच 20 हजार रुपए की डील फाइनल हो गई. इसके बाद प्रत्युष ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया. टीम ने नोटों पर फिनोपथलीन पाउडर लगाया और यहीं रुपए के नोट विवेचना अधिकारी को देने के लिए कहे. इसके बाद सोमवार को विवेचना अधिकारी अभिनव ने प्रत्युष को रुपए लेकर मिलने के लिए श्रीराम चौक बुलाया था, जहां विवेचना अधिकारी को गिरफ्तार किया गया.
डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि जालसाजी और रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में के एक मामले की विवेचना कर रहे विवेचना अधिकारी अभिनव चौधरी को एंटी करप्शन की टीम ने सोमवार देर रात गिरफ्तार किया है. और विवेचना अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
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