- कानपुर में उच्च गुणवत्ता एफडीआर सड़कों का प्रयोग चार लेन सड़कों का निर्माण
- चौबेपुर से बंदीमाता तक 9.2 किलोमीटर पर 16.68 करोड़ रुपये
- नबीपुर से गजनेर तक 3.6 किलोमीटर में 42.48 करोड़ रुपये
कानपुर: 17 दिसंबर, 2024,
कानपुर: प्रदेश मे पहली बार कानपुर में सड़क निर्माण में फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक का प्रयोग कर अधिक गुणवत्ता और स्थायित्व को बढ़ाया जायेगा। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इस तकनीक का प्रयोग कानपुर शहर और औरैया में करेगा।
विभाग ने सर्वेक्षण कर सड़कों को चिन्हित कर लिया है और सरकार ने अनुमति मिल गयी है । चौबेपुर से बंदीमाता तक 9.2 किलोमीटर पर 16.68 करोड़ रुपये नबीपुर से गजनेर तक 3.6 किलोमीटर में 42.48 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन तक चौड़ा किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता के अनुसार दोनों मार्गों के निर्माण के लिए अनुमति मिल गयी है । निर्माण के लिए एक कंपनी को काम सौंपा दिया गया है और दोनों सड़कों पर जल्द काम शुरू हो जाएगा। प्रदेश मे पहली बार कानपुर में एफडीआर तकनीक का प्रयोग कर सड़कें बनाई जाएंगी।एफडीआर तकनीक मौजूदा सड़कों से बजरी समेत अन्य सामग्री का इस्तेमाल करके सड़क को बेहतर बनाने में सक्षम बनाती है। निर्माण प्रक्रिया में जापान और नीदरलैंड से आयातित विशेष मशीनरी का इस्तेमाल करके सीमेंट और एडिटिव्स को मिला रासायनिक कोटिग की जाती है ।
अंतरराष्ट्रीय सड़क निर्माण प्रयोग जाने वाली तकनीक बेहतर स्थायित्व प्रदान करती है। सामान्यता सडके 5 वर्षो तक प्रयोग की जा सकती है एफडीआर तकनीक का प्रयोग करके बनाई गई सड़कें दस साल प्रयोग की जा सकती है । यह तकनीक सड़कों की गुणवत्ता बढ़ाती है और पर्यावरणीय संतुलन से निपटने में सहायक भी है।
उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, और मध्य प्रदेश आदी राज्यों में एफडीआर तकनीक का प्रयोग हो रहा है। उत्तर प्रदेश में 5600 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण इस तकनीक के किया जा रहा है।
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