-नेपाल के प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की घोषणा
-प्रदर्शन में मारे गए लोगों को 'शहीद' घोषित किया जाएगा और 10 लाख नेपाली रुपये दिए जाएंगे
-आंदोलन के दौरान मरने वालों की संख्या 72
-तीन पुलिसकर्मी, 59 प्रदर्शनकारी और 10 कैदी शामिल
- प्रदर्शन में हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगाकानपुर :14 सितम्बर, 2025
14 सितम्बर, 2025: काठमांडू: नेपाल: काठमांडू में सिंहदरबार सचिवालय में गृह मंत्रालय के नवनिर्मित भवन में सुबह करीब 11 बजे पदभार संभालने वाले 73 वर्षीय कार्की ने यह भी घोषणा की कि 'जेन जेड' प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को 'शहीद' घोषित किया जाएगा और उन्हें 10 लाख नेपाली रुपये दिए जाएंगे।पूर्व प्रधान न्यायाधीश को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने जनरल जेड समूह की सिफारिश पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, जिसने मंगलवार को दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन के माध्यम से केपी शर्मा ओली सरकार को उखाड़ फेंका था।
नेपाल के प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने हाल ही में 'जेन जेड' प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और उसके परिणामों पर महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। मुख्य सचिव अर्याल ने बताया कि आंदोलन के दौरान मरने वालों की संख्या 72 हो गई है, जिसमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसमें 59 प्रदर्शनकारी और 10 कैदी शामिल हैं। जिससे सरकार पर व्यापक दबाव बना है।
कार्की ने स्पष्ट किया है कि प्रदर्शन में हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। यह घोषणा उस वक्त आई है जब पुलिस और सेना दोनों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए हैं, जिसमें कर्फ्यू और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शामिल है.
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जेन जेड प्रदर्शन में हताहतों की संख्या 34 तक पहुँच गई है. इससे पहले, सरकार ने प्रदर्शन के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे युवाओं में असंतोष और भी बढ़ गया था। इस असंतोष ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों का रूप ले लिया, जिसके फलस्वरूप प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों ने शुरू में भ्रष्टाचार और सरकारी नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू किया था, लेकिन यह जल्द ही हिंसक घटनाओं में बदल गया। इसमें कई सरकारी बिल्डिंगों और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुँचा.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांगें लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के भीतर रहकर पूरी की जाएँ। उन्होंने संसद को भंग करने और सरकार के गठन में बदलाव की मांग की है. नेपाल की राजनीति में घटनाक्रम महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया है और लगभग हर स्तर पर सामाजिक और राजनीतिक हलचल को उत्पन्न कर रहा है।
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