- मोहम्मद आजम खान को 23 महीने जेल के बाद 23 सितंबर, 2025 को सीतापुर जेल से रिहा
- रिहाई में देरी पुराने मामलों में लंबित बॉन्ड जमा करने में हुई देरी व अन्य औपचारिकताओं के कारण
- आजम खान की रिहाई पर समर्थकों ने जेल के बाहर उनका स्वागत किया जिससे ट्रैफिक जाम हो गया।
- प्रशासन ने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी।
- समाजवादी पार्टी का आरोप खान को झूठे मामलों में फंसाया गया व जमानत न्याय की दिशा में कदम
कानपुर :23 सितम्बर, 2025
23 सितंबर, 2025 लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को कई आपराधिक मामलों में 23 महीने जेल में रहने के बाद मंगलवार 23 सितंबर, 2025 को सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया। पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक सैकड़ों की संख्या में जेल के बाहर उनका स्वागत करने पहुंचे। आजम खान साहब रिहाई के बाद तुरंत रामपुर के लिए रवाना हो गए और मीडिया से बात नहीं की।खान (77) की रिहाई में कुछ पुराने मामलों में लंबित औपचारिकताओं के कारण कम से कम दो घंटे की देरी हुई, क्योंकि कुछ मामलों में रिहाई के बॉन्ड का जुर्माना जमा नहीं किया गया था। प्रक्रिया के अनुसार बॉन्ड पूरा करना और जेल प्रशासन को भेजना था, जो कोर्ट खुलने के बाद ही संभव था। ये औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही खान की रिहाई संभव हो सकी। यूपी पुलिस ने आखिरी समय तक आजम खान को जेल में रखने की कोशिश की
सीतापुर प्रशासन ने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए जेल के आसपास के क्षेत्रों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिताकी धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की, लेकिन बड़ी संख्या में समर्थक अपने वाहनों से जेल के पास पहुंच गए, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया।
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि दस बार विधायक रहे खान को यूपी सरकार ने झूठे मामलों में फंसाया है और जमानत से यह साबित होता है कि वरिष्ठ नेता को आखिरकार न्याय मिलेगा।समाजवादी पार्टीके वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा, "मोहम्मद आजम खान साहब और उनके परिवार के साथ लगातार अन्याय हो रहा था। जमानत से यह साबित होता है कि परिवार को आखिरकार न्याय मिलेगा। हमारी पार्टी आजम खान परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। हम उत्पीड़न और झूठे मामलों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।"
23 सितंबर, 2025 लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को कई आपराधिक मामलों में 23 महीने जेल में रहने के बाद मंगलवार 23 सितंबर, 2025 को सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया। पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक सैकड़ों की संख्या में जेल के बाहर उनका स्वागत करने पहुंचे। आजम खान साहब रिहाई के बाद तुरंत रामपुर के लिए रवाना हो गए और मीडिया से बात नहीं की।खान (77) की रिहाई में कुछ पुराने मामलों में लंबित औपचारिकताओं के कारण कम से कम दो घंटे की देरी हुई, क्योंकि कुछ मामलों में रिहाई के बॉन्ड का जुर्माना जमा नहीं किया गया था। प्रक्रिया के अनुसार बॉन्ड पूरा करना और जेल प्रशासन को भेजना था, जो कोर्ट खुलने के बाद ही संभव था। ये औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही खान की रिहाई संभव हो सकी। यूपी पुलिस ने आखिरी समय तक आजम खान को जेल में रखने की कोशिश की
सीतापुर प्रशासन ने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए जेल के आसपास के क्षेत्रों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिताकी धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की, लेकिन बड़ी संख्या में समर्थक अपने वाहनों से जेल के पास पहुंच गए, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया।
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि दस बार विधायक रहे खान को यूपी सरकार ने झूठे मामलों में फंसाया है और जमानत से यह साबित होता है कि वरिष्ठ नेता को आखिरकार न्याय मिलेगा।समाजवादी पार्टीके वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा, "मोहम्मद आजम खान साहब और उनके परिवार के साथ लगातार अन्याय हो रहा था। जमानत से यह साबित होता है कि परिवार को आखिरकार न्याय मिलेगा। हमारी पार्टी आजम खान परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। हम उत्पीड़न और झूठे मामलों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।"


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