अमेरिका द्वारा लागू उच्च टैरिफ और उनके प्रभाव: भारत के रेडीमेड गारमेंट उद्योग की स्थिति और चुनौतियाँ

- भारत के रेडीमेड गारमेंट्स पर 27 अगस्त 2025 से 50% तक का टैरिफ 
- वित्त वर्ष 2025 में उद्योग की वृद्धि दर घटकर 3-5% रह सकती है।
-आरएमजी निर्यात में 70% तक की गिरावट की आशंका
- 40% से अधिक आय अमेरिका से प्राप्त करने वाली कंपनियाँ सबसे अधिक प्रभावित 
-उच्च टैरिफ से भारतीय उत्पादों की लागत बढ़ेगी, ब्रांड अनिश्चितता  घरेलू बाजार पर दबाव 
- नए बाजारों (यूरोपीय संघ, यूके, यूएई) की खोज
-मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाना और घरेलू मांग पर ध्यान केंद्रित करना
- टैरिफ वृद्धि भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को बांग्लादेश और वियतनाम के मुकाबले कमजोर 

कानपुर : 26 अगस्त 2025 
भारत के रेडीमेड गारमेंट (आरएमजी) उद्योग को अमेरिका द्वारा लागू किए जा रहे उच्च टैरिफ के कारण अत्यधिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 50% तक के टैरिफ का प्रभाव वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के आरएमजी उद्योग की राजस्व वृद्धि को आधा करने की संभावना है.

अमेरिका के टैरिफ का ताज़ा प्रभाव

बिंदु विवरण
टैरिफ दर 27 अगस्त 2025 से भारत के रेडीमेड गारमेंट्स पर कुल 50% टैरिफ लागू
राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 2025 में आरएमजी उद्योग की वृद्धि दर 3–5% तक सिमट सकती है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग आधी है
निर्यात पर असर अमेरिका को होने वाले आरएमजी निर्यात में 70% तक की गिरावट की आशंका है
प्रभावित कंपनियाँ जिन कंपनियों की 40% से अधिक आय अमेरिका से आती है, वे सबसे अधिक प्रभावित होंगी
प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति भारत की तुलना में बांग्लादेश, वियतनाम और चीन को कम टैरिफ का लाभ मिल रहा है

📉 रणनीतिक संकट और संभावित समाधान

संकट:

  • लागत में वृद्धि: उच्च टैरिफ के कारण भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे।
  • ब्रांड्स की अनिश्चितता: अमेरिकी रिटेलर्स ऑर्डर देने से पहले टैरिफ के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं।
  • घरेलू बाजार पर दबाव: निर्यात में गिरावट से घरेलू बाजार में ओवरसप्लाई और मार्जिन में गिरावट हो सकती है।

समाधान:

  • नए बाजारों की खोज: यूरोपीय संघ, यूके और यूएई जैसे बाजारों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक होगा, जो मिलकर भारत के कुल आरएमजी निर्यात का 45% हिस्सा हैं।
  • FTA का लाभ: यूके के साथ हाल ही में हुए मुक्त व्यापार समझौते से राहत की उम्मीद है।
  • घरेलू मांग का सहारा: घरेलू बाजार में 8–10% की वृद्धि अनुमानित है, जो कुछ हद तक नुकसान की भरपाई कर सकती है।

टैरिफ का प्रभाव

  1. उच्च टैरिफ की घोषणा: अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर 27 अगस्त से 50% तक का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह पहले से मौजूद 25% टैरिफ के अतिरिक्त होगा।

  2. उद्योग पर प्रभाव: यह टैरिफ वृद्धि भारत के कपड़ा, रत्न, आभूषण, और रसायन क्षेत्रों के मध्य-वर्गीय MSME (सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्यम) पर गंभीर असर डालेगी। अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात का लगभग 66% प्रभावित होगा, जिसमें आरएमजी क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक होगा।

  3. प्रतिस्पर्धा का संकट: भारत के लिए यह टैरिफ वृद्धि अन्य देशों जैसे बांग्लादेश और वियतनाम के मुकाबले प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को कमजोर करेगी, जहाँ कम टैरिफ लागू होते हैं। विशेष रूप से, भारतीय रेडीमेड गारमेंट्स, जो अमेरिका के बाजार में महत्वपूर्ण हैं, पर इसका तात्कालिक और दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

अनुमानित नुकसान

  • राजस्व में कमी: विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस नए टैरिफ के चलते आरएमजी निर्यात की मात्रा में 70% तक की कमी आ सकती है। इससे बनते हुए उत्पाद महंगे होंगे और माँग में गिरावट आएगी।

  • बाजार में स्थिति: अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जहाँ 2024 में भारत का गारमेंट निर्यात अमेरिकी आयात का 33% था। इस तरह के टैरिफ से निर्यातकों के लिए नए बाजारों की खोज करना अनिवार्य हो जाएगा।

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का भारतीय रेडीमेड गारमेंट उद्योग पर गहरा असर पड़ने की संभावना है। यह उच्च टैरिफ इस क्षेत्र की लागत को बढ़ा देगा और भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता को कम कर देगा, जिससे निर्यात में सीधे गिरावट आएगी। उद्योग को पुनर्गठन और नए रणनीतियों की आवश्यकता होगी, ताकि इस संकट का सामना किया जा सके।


    Post a Comment

    0 Comments