•कनाडा विदेश मंत्री अनीता आनंद की भारत यात्रा 12 से 17 अक्टूबर 2025 तक प्रस्तावित
• यात्रा भारत और कनाडा के राजनयिक तनावों के बाद संबंध सुधारने में महत्वपूर्ण कदम
• यात्रा के दौरान व्यापार, ऊर्जा परिवर्तन, और सुरक्षा जैसे मामलों पर समकक्षों से वार्ता
• भारत:कनाडा तनाव कनाडाई प्रधानमंत्री द्वारा खालिस्तानी नेता हत्या में भारत पर आरोप
• मुंबई में भारतीय और कनाडाई व्यवसायियों के साथ आर्थिक अवसरों पर चर्चा
• ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन, व्यापार विविधीकरण, और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा
• आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और व्यापार उत्पन्न करने का महत्वपूर्ण अवसर
• यात्रा इससे दोनों देशों के संबंधों में नई कूटनीति शुरू कर सकती है।
कानपुर : 11 अक्टूबर 2025
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर, 2025 कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद नई दिल्ली पहुँचीं।आनंद की भारत यात्रा 12 से 17 अक्टूबर 2025 तक प्रस्तावित है भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव के बाद संबंधों को सुधारने का कदम है। यह उनका विदेश मंत्री के रूप में पहला आधिकारिक दौरा है, जिसमें व्यापार, ऊर्जा परिवर्तन, और सुरक्षा क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को लेकर वार्ता होगी। यात्रा के दौरान, अनीता आनंद नई दिल्ली में अपने समकक्षों के साथ चर्चा करेंगी और मुंबई में भारतीय तथा कनाडाई व्यवसायियों से आर्थिक विषयों पर बातचीत करेंगी। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों और ठोस आर्थिक तथा सुरक्षा सहयोग की संभावनाएँ उत्पन्न होती हैं तथा यह द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्स्थापित करने का एक सकारात्मक प्रयास है।कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की भारत यात्रा 12 से 17 अक्टूबर 2025 तक निर्धारित है, कुछ महीनों में भारत और कनाडा के बीच हुए राजनयिक तनाव के बाद संबंध सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दौरा अनीता आनंद का विदेश मंत्री के रूप में पहला आधिकारिक दौरा है और इसे दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनः स्थापित करने का एक मौका माना जा रहा है।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य व्यापार, ऊर्जा परिवर्तन, और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग की रूपरेखा तैयार करना है। अनीता आनंद नई दिल्ली में अपने समकक्ष भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से महत्वपूर्ण वार्ता करेंगी।
भारत और कनाडा के संबंध हाल के समय में तनावपूर्ण हुए थे, विशेष रूप से जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक भारतीय खालिस्तानी नेता की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया। इसके परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित करने का कदम उठाया था।
अनीता आनंद इस दौरान मुंबई भी जाएँगी, जहाँ वे भारतीय और कनाडाई व्यवसायियों के साथ निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक अवसरों पर चर्चा करेंगी। यह यात्रा कनाडा की इंडो-पैसिफिक रणनीति का भी एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना है।
यात्रा के दौरान होने वाली संभावित चर्चाएँ ऊर्जा के क्षेत्र में परिवर्तन, व्यापार विविधीकरण, और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित होंगी। यह दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने तथा व्यापार के नए अवसरों को उत्पन्न करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
अनीता आनंद की इस यात्रा से न केवल भारत और कनाडा के बीच बेहतर रिश्तों की संभावनाएं जगती हैं, बल्कि इससे दोनों देशों के ठोस आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को भी बल मिलेगा। यह कदम एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है, जो कि दोनों देशों के आर्थिक और राजनयिक सहयोग को फिर से स्थापित करने की कोशिश को दर्शाता है।यात्रा नई कूटनीति का क्षेत्र सिद्ध कर सकता है और क्या दोनों देशों के बीच संवाद का एक नया दौर शुरू होगा।
भारत और कनाडा के संबंध हाल के समय में तनावपूर्ण हुए थे, विशेष रूप से जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक भारतीय खालिस्तानी नेता की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया। इसके परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित करने का कदम उठाया था।
अनीता आनंद इस दौरान मुंबई भी जाएँगी, जहाँ वे भारतीय और कनाडाई व्यवसायियों के साथ निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक अवसरों पर चर्चा करेंगी। यह यात्रा कनाडा की इंडो-पैसिफिक रणनीति का भी एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना है।
यात्रा के दौरान होने वाली संभावित चर्चाएँ ऊर्जा के क्षेत्र में परिवर्तन, व्यापार विविधीकरण, और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित होंगी। यह दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने तथा व्यापार के नए अवसरों को उत्पन्न करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
अनीता आनंद की इस यात्रा से न केवल भारत और कनाडा के बीच बेहतर रिश्तों की संभावनाएं जगती हैं, बल्कि इससे दोनों देशों के ठोस आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को भी बल मिलेगा। यह कदम एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है, जो कि दोनों देशों के आर्थिक और राजनयिक सहयोग को फिर से स्थापित करने की कोशिश को दर्शाता है।यात्रा नई कूटनीति का क्षेत्र सिद्ध कर सकता है और क्या दोनों देशों के बीच संवाद का एक नया दौर शुरू होगा।
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