कैबिनेट ने स्थायी खाता संख्या (पैन) 2.0 परियोजना को मंजूरी दी

 प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने आज आयकर विभाग  पैन 2.0 परियोजना  मंजूर ।

नई दिल्ली 25 नवम्बर करदाताओं की मदद करने के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने आज आयकर विभाग की पैन 2.0 परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस प र वित्तीय परिव्यय 1435 करोड़ रुपये प्रस्तावित है । भारत सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के अनुसार सरकारी एजेंसियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकीकृत पहचान करता है।



आयकर विभाग की पैन 2.0 परियोजना करदाता पंजीकरण सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित पुनरीक्षण के आवश्यक महात्वपुर्ण प्रमुख लाभ निम्न है:
  1. बेहतर गुणवत्ता के साथ त्वरित सेवा
  2. एकल स्रोत स्थिर सत्य डेटा
  3. iEco- और लागतअनुकूल प्रक्रिया
  4. त्वरित बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा और अनुकूल
  5. इस ई-गवर्नेंस का उद्देश्य पैन/टैन सेवाओं के परिवर्तन से डिजिटल अनुभव को बढ़ाकर करदाता पंजीकरण सेवाओं का आधुनिकीकरण करना है।
  6. यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 प्रणाली का उन्नति संस्करण है, जिसमें पैन सत्यापन सेवा एवम कोर और नॉन-कोर दोनों गतिविधियां शामिल हैं।
  7. स्थायी खाता संख्या (पैन) दस अक्षरों वाला अल्फ़ान्यूमेरिक पहचान है आयकर विभाग लैमिनेटेड कार्ड के रूप में जारी करता है। यह किसी व्यक्ति के आवेदन या औपचारिक अनुरोध  द्वारा सीधे प्रदान किया जाता है।
  8. आयकर विभाग लेन-देन की निगरानी के लिए पैन का उपयोग करता है। इसमें कर भुगतान, टीडीएस/टीसीएस क्रेडिट, आय रिटर्न, विशिष्ट लेन-देन और आधिकारिक संचार जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। पैन कर विभाग से जोड़ने वाली अद्वितीय पहचान है।
शुरूआत में पैन कर भुगतान, आकलन, मांग और बकाया सहित विभिन्न दस्तावेजों और गतिविधियों की त्वरित सूचना स्थानान्तरित करने के लिये प्रख्यापित किया गया था और विभिन्न आंतरिक और बाहरी स्रोतों से एकत्रित निवेश, ऋण और व्यावसायिक गतिविधियों के विवरण समग्र आधार पर कर चोरी की पहचान करता है ।





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