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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आगजनी मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी सीसामऊ विधानसभा को जमानत दी

     पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को जमानत वर्ष 2022 के मामले में दोषसिद्धि पर रोक  की याचिका खारिज ।

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को जमानत दे दी, न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और सुरेंद्र सिंह की पीठ ने सजा बढ़ाने की राज्य सरकार की अपील को भी खारिज कर दिया। लेकिन कानपुर में  घर में आग लगाने के 2022 के मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया।




इरफान सोलंकी और उनके छोटे भाई रिजवान और तीन अन्य को 7 जून को एक महिला की जमीन हड़पने के लिए उसके घर में आग लगाने के मामले में सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी।

सोलंकी ने राज्य विधानसभा की सदस्यता  समाप्त  दी  करथी, जब 7 जून, 2024 को कानपुर की एक विशेष अदालत ने उन्हें और चार अन्य को जाजमऊ इलाके में एक महिला के घर में आग लगाने के लिए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।

 उनकी पत्नी नसीम सोलंकी  ने  हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया, जिन्हें 20 नवंबर को सीसामऊ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने  प्रत्याशी बनाया   है, ।



नसीम सोलंकी ने कहा कि आदेश ने परिवार की न्याय की उम्मीद को बढ़ा दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके पति "निर्दोष" हैं। "हाईकोर्ट का फैसला पूरी तरह से स्वीकार है।" सजा पर रोक लगाने की याचिका को हाईकोर्ट द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने पर उन्होंने कहा, "हम सजा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।" नसीम सोलंकी ने कहा, "जब भी मैं वोट मांगने के लिए लोगों से मिलती हूं, तो वे कहते हैं कि मेरे पति निर्दोष हैं और उच्च न्यायालय के फैसले ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है कि इरफान निर्दोष हैं।" परिवार को ईश्वर और न्यायपालिका पर भरोसा है।



इरफान सोलंकी की मां खुर्शीदा ने भी अदालत के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने दावा किया कि इरफान सोलंकी के खिलाफ मामला झूठे आरोपों पर आधारित है।


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