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केन्द्र सरकार मणिपुर में स्थिति को नियन्त्रण करने के लिये 5 हजार अर्धसैनिक बल तैनात करेगी

मई 2023 में शुरू हुए संघर्षों ने कम से कम 260 लोगों की जान और 60000 लोगों विस्थापित हो गये है 

इंफाल मणिपुर

19 नवम्बर 24

मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नेतृत्व में बदलाव होने पर मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का समर्थन करने पर पुनर्विचार कर सकती है। संगमा की एनपीपी ने जातीय संकट को हल न कर पाने के कारण रविवार को एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। परन्तु नेतृत्व में बदलाव और संघर्ष को हल करने के लिए सकारात्मक प्रयास व रचनात्मक सहयोग कर शांति और सामान्य स्थिति वापस लाने में योगदान दे सकते हैंतथा, एनपीपी, भाजपा के साथ फिर से काम करने को तैयार है । 

सरकार की स्थिरता को खतरा नहीं है 60 सदस्यीय सदन में भाजपा के 32 विधायक हैं, जो बहुमत से अधिक है। मई 2023 में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से ही कुकी समुदाय के भाजपा के सात विधायक राजधानी इंफाल से दूर हैं। सात विधायकों के साथ एनपीपी 60 सदस्यीय सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी ने सर्मथन वापस ले लिया है। नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), के पांच विधायक जनता दल (यूनाइटेड), के छह विधायकैं, और बाहर से समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय सरकार का हिस्सा हैं  । 

संबंधित घटनाक्रम में, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की।  यह स्पष्ट किया कि हमारा समर्थन वापस लेना मजगूरी थी। यदि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष को समाप्त करने का प्रयास करती है। मई 2023 में शुरू हुए संघर्षों ने कम से कम 260 लोगों की जान और 60000 लोगों विस्थापित हो गये है । तो सर्मथन वापस न होता ।  

  केंद्रीय गृह मंत्री लगातार सुरक्षा स्थिति की की समीक्षा की और अधिकारियों को जल्द से जल्द शांति व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिये। मणिपुर सरकार ने सोमवार को सात जिलों मे  ंइंटरनेट सेवाओं को अगले दो और दिनों के लिए निलंबित कर दिया है।

कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री से  राज्य का दौरा करके शांति बहाल की मांग की । केंद्र सरकार की विफलता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा । एवम कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री को पहले मणिपुर के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिल कर 25 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। 

16 नवंबर को इंफाल घाटी व इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था। इंफाल से पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कर्फ्यू की अवहेलना करते हुए, ) इतेई समुदाय का एक प्रभावशाली संगठन मणिपुर अखंडता समन्वय समिति के सदस्यों के नेतृत्व में समूह ने हाल ही में हुई हत्याओं का विरोध करने के लिए सोमवार को इंफाल पश्चिम जिले में कई सरकारी कार्यालयों को बंद कर दिए थे । 


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