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101 किसानों के मारजीवदा जत्था का मार्च शुरू हालात बिगड़ने पर पुलिस ने करीब साढ़े 12 बजे पानी की बौछारों और आंसू-गैस के गोले छोड़े। छह किसान घायल एक को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। प्रदर्शनकारीयो ने मार्च एक दिन के लिए स्थगित कर दिया ।

हरियाणा की शंभू सीमा पर अंबाला के उपायुक्त, एसएसपी और एसपी  ने किसान  नेताओं से  मुलाकात।  आश्वासन   प्रधानमन्त्री की यात्रा के बाद उनकी मांगों का समाधान। 


कानपुर नगर 9 दिसंबर, 2024

हरियाणा केएमएम के समन्वयक सरवन सिंह पंढेर के अनुसार, हरियाणा के अधिकारियों ने "अंबाला के उपायुक्त पार्थ गुप्ता, एसएसपी नानक सिंह और एसपी सुरिंदर सिंह भोरिया ने किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेताओं से पंजाब के राजपुरा (शंभू से 13 किलोमीटर दूर) में मुलाकात की। हमसे एक दिन इंतजार करने को कहा क्योंकि हरियाणा प्रशासन सोमवार को प्रधानमंत्री के दौरे में व्यस्त है। ।और उन्हें आश्वासन दिया कि वे सोमवार को प्रधानमन्त्री की यात्रा के बाद उनकी मांगों का समाधान करेंगे। उन्होंने और दिल्ली पुलिस की अनुमति के बिना दिल्ली नहीं जा सकते सूचित किया। हम एक दिन इंतजार करेंगे और अगला कदम तय करेंगे

पुलिस ने पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोले तीन घंटे तक  छोड़े

इससे पहले दिन में 101 किसानों के मारजीवदा जत्था (जो मरने को तैयार है) ने अपना मार्च फिर से शुरू किया तो हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोले तीन घंटे तक रुक-रुक कर छोड़े। कार्रवाई में छह किसान घायल हो गए। इनमें से एक को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। प्रदर्शनकारीयो ने रविवार शाम दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च एक दिन के लिए स्थगित कर दिया ।
किसानों ने दोपहर विरोध स्थल से लगभग 500 मीटर दूर एक सीमेंट के बैरिकेड तक पहुंचने के लिये मार्च शुरू किया। हरियाणा पुलिस ने उन पर फूल की पंखुड़ियां बरसाईं, कहा कि अनुमति के बिना राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। पुलिस ने किसान यूनियनों द्वारा उपलब्ध सूची को फर्जी करार दिया और कहा कि सूची के नाम वास्तव में बैरिकेड पर उपस्थ्ति लोगो की पहचान से मेल नहीं खाते । किसान संघ के नेताओं ने जत्थों के आयोजन में पारदर्शिता का दावा करते हुए इसका खंडन किया।
किसान हरप्रीत सिंह ने कहा आंसू-गैस के गोले के बीच हरियाणा पुलिस की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिसने लाउडस्पीकरों पर गुरबानी बजाते हुए किसानों को चाय, बिस्कुट और पानी की पेशकश की साथ में आंसू गैस के गोले दागते हैं. वे क्या हासिल करना चाहते हैं?
आईजीपी (अंबाला रेंज) सिबाश कबिराज के अनुसार पुलिस ने बल प्रयोग किया क्योंकि किसानों ने शंभू सीमा पर बैरिकेड तोडने की कोशिश की। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो कार्रवाई होगी।
हरियाणा पुलिस ने एक बयान के अनुसार सीमा बिंदु पर ''कोई जिम्मेदार किसान नेता'' मौजूद नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने बार-बार बैरिकेड्स तोडने की कोशिश की। ''पुलिसकर्मियों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई के साथ फूल बरसाए।
पंजाब पुलिस ने शुरू में हरियाणा डीजीपी के निर्देश पर मीडियाकर्मियों को बैरिकेड तक पहुंचने से रोक दिया। ग्रामीण किसान-मजदूर संगठन के अध्यक्ष रंजीत सिंह राजू ने आरोप लगाया, "ऐसा लग रहा था कि यह दृश्यों को के फोटे ले ने से रोकने का प्रयास है, लेकिन वे रोक नहीं सके।
किसान नेताओं ने दोपहर 3.30 बजे जत्थे को वापस बुलाने का फैसला किया। आगे की कार्रवाई तय करने के लिए केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) की बैठक सोमवार दोपहर निर्धारित है।
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी से क्रमश: राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर शंभू और खनौरी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने उन्हें दिल्ली की ओर जाने की अनुमति नहीं दी है।
रविवार को दिल्ली चलो मार्च केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) द्वारा 6 दिसंबर के बाद से सीमा पार करने का दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास मे पुलिस कार्रवाई में 16 किसान घायल हो गए।
केएमएम के पंढेर ने आरोप लगाया, आंसू गैस अधिक घातक और जहरीली थै। मुख्य निशाना मीडियाकर्मी और बुजुर्ग थे। हम आवाक रह गए जब लाउडस्पीकर पर हरियाणा पुलिस ने मीडियाकर्मियों को 'फर्जी मीडिया' और 'खालिस्तानी मीडिया' संबोधित किया। अभी तक केवल प्रदर्शनकारी किसानों के लिए थी।
घायलों में बठिंडा के 65 वर्षीय रेशम सिंह , जिनके सिर में आंसू गैस के गोले से चोट लगी थी और उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया पटियाला के 70 वर्षीय किसान करनैल सिंह लुंग ने घायलों को बचाने के दौरान जहरीली धुएं की चपेट में ले लिया। उन्हें राजपुरा के सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है। बचाव दल के तीन और सदस्य दिलबाग सिंह गिल, हरभजन सिंह और कुलविंदर सिंह अटवाल को भी सांस लेने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बीकेयू क्रांतिकारी के महासचिव सुखविंदर कौर ने कहा, हरियाणा सरकार ने आज किसानों के साथ खेल खेला। पहले फूल फेंके, फिर आंसू गैस के गोले फेंके।
शहीद भगत सिंह-हरियाणा के प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने आंसू गैस के इस्तेमाल की निंदा की। उन्होंने कहा, 'नियम कहते हैं कि गोले अहिंसात्मक आदोलन रत पर नहीं फेंके जाने चाहिए, यह अमानवीय है.'
किसान नेताओं ने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी मांगों पर मौन है। भाजपा प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल ने कहा दो दिन पहले प्रमुख किसान नेताओं से संपर्क किया था और केंद्र को उनकी मांगों को पहुचाने के लिये मागी थी जो दी नही गयी ।

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