नवंबर में भारत की विनिर्माण वृद्धि, 11 महीनों में मूल्य दबाव और नरम घरेलू मांग से कमजोर स्तर पर। उत्पादन लागत में वृद्धि अतिरिक्त माल ढुलाई, श्रम और सामग्री लागत पर आश्रित, अक्टूबर 2013 के बाद से जारी है ।
कानपुर 3 दिसंबर 2024
निर्यात ऑर्डर चार महीने के उच्च स्तर पर, बढ़ती लागत और घरेलू मांग में कमी से चांदी की मांग बढी। इनपुट लागत में वृद्धि के कारण अक्टूबर 2013 के बाद से उत्पादन कीमतों में तेज वृद्धि जो अतिरिक्त माल ढुलाई, श्रम और सामग्री लागत पर आश्रित है ।
भारत की विनिर्माण वृद्धि 11 महीने के निचले स्तर पर |
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) नवंबर 56.5 पर आ गया, जो अक्टूबर में 57.5 से नीचे और सितंबर बराबर था। विस्तार का संकेत देने वाली 50-पॉइंट थ्रेशोल्ड से ऊपर मजबूती से, 57.3 के प्रारंभिक फ्लैश अनुमान से नीचे था जो कारखाने के आर्डर और उत्पादन में अन्तर को प्रर्दशित करता है ।
कमजोर चढ़ाव
पीएमआई लगभग तीन वर्षों से अपने दीर्घकालिक औसत से ऊपर बना है, जो भारत के विनिर्माण क्षेत्र में विकास की स्थिर गति रेखांकित करता है। सर्वेक्षण देश भर में लगभग 400 निर्माताओं पर आधारित है ।सर्वेक्षण के अनुसार 'मांग की अनुकूल परिस्थितियों से समर्थन मिला, प्रतिस्पर्धा और कीमतों के दबाव से यह प्रभावित है । नवंबर में ऑर्डर मे बढते है । विस्तार करीब एक साल में सबसे सुस्त है।
रसायनों, कपास, चमड़े और रबर की ऊंची कीमतों के कारण जुलाई के बाद से इनपुट लागत सबसे तेज गति से बढ़ी। इनपुट लागत में वृद्धि के कारण अक्टूबर 2013 के बाद ग्राहकों को अतिरिक्त माल ढुलाई, श्रम और सामग्री लागत में वृद्धि से उत्पादन की कीमतों में सबसे तेज वृद्धि हुई ।
कीमत के दबाव ने कुछ घरेलू बिक्री को रोक दिया परन्तु नए निर्यात ऑर्डरों मे वृद्धि हुई है ।
घरेलू चुनौतियों के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि हुई, नवंबर में चार महीने मे नए निर्यात ऑर्डर नवंबर उच्च स्तर पर पहुंच गए। भारतीय विनिर्माताओं ने बांग्लादेश, चीन, इटली, जापान और अमेरिका जैसे बाजारों में तेजी दर्ज की है।
एचएसबीसी के प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री के अनुसार, 'मजबूत व्यापक आधार वाली अंतरराष्ट्रीय मांग ने भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की निरंतर वृद्धि को बढ़ावा दिया, भारतीय आयातकों ने दुबई के रास्ते चीन को पछाड़ा है 'इसके साथ ही कीमतों पर दबाव बढ़ने से उत्पादन विस्तार की दर में गिरावट आ रही है। भंडारी ने कहा कि रसायन, कपास, चमड़ा और रबर सहित विभिन्न मध्यवर्ती वस्तुओं के लिए इनपुट कीमतें नवंबर में बढ़ीं, जबकि उत्पादन की कीमतें ग्यारह साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं क्योंकि बढ़ती इनपुट, श्रम और परिवहन लागत पर आधारित है ।
बेहतर मांग
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने FY25 GDP विकास अनुमान को 7.2% पर बनाए रखा है, जो अनुकूल मानसून पूर्वानुमान द्वारा समर्थित ग्रामीण और शहरी मांग की ओर इशारा करता है।केंद्रीय बैंको ने त्योहार की अवधि से मौसमी वृद्धि और बढ़ते उपभोक्ता विश्वास के कारण मजबूत कृषि उत्पादन और ग्रामीण मांग में और तेजी आने की उम्मीद है। एचएसबीसी के सर्वेक्षण के अनुसार नवंबर में निर्यात ऑर्डरों में उल्लेखनीय वृद्धि के संकेत है । विदेशी मांग में तेजी, भारतीय निर्माताओं ने अनुकूल बाजार स्थितियों के कारण तेजी जारी रहेगाी।
10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था लक्ष्य
भारत अगले दशक के भीतर 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करेगा, जिसमें अर्धचालक, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र प्रमुख क्षेत्रों में हैं।इसका समर्थन करने के लिए, सरकार ने पूंजीगत व्यय में काफी वृद्धि की है, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, रोजगार पैदा करना और विनिर्माण गतिविधि को मजबूत करना है।
सर्वेक्षण के अनुसार निर्माताओं ने नवंबर में अपने इनपुट स्टॉक को भर दिया, जिसमें संचय दर 2024 की सबसे धीमी गति से कम होने के बावजूद दीर्घकालिक औसत से अधिक थी व अगस्त 2017 तक तैयार माल की इन्वेंट्री में लंबे समय तक गिरावट आई थी। भारतीय विनिर्माण आकार मे आकार महात्वपूर्ण है। "व्यापार आशावाद भविष्यवाणियों पर आघारित है । विपणन प्रयासों और नए उत्पाद क्षमता विस्तार प्रयासों और मांग की ताकत के पूर्वानुमान से 2025 में उत्पादन के लिए अच्छे पूर्वानुमानों के संकेत है ।
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