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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) उन्होंने रात 9:51 बजे अपनी अंतिम सांस ली। 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित

 पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)  उन्होंने रात 9:51 बजे अपनी अंतिम सांस ली।
7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित 
जन्म 26 सितंबर 1932 को गाह, पंजाब में हुआ था
भारत के 13वें  व 14वें प्रधानमंत्री थे
कुशल प्रशासक और  सच्चे मार्गदर्शक नरेंद्र मोदी  प्रधानमंत्री
मैंने अपना गुरु खो दिया  राहुल गांधी नेता विपक्ष
टेलीकास्टटूडे की ओर से  श्रद्धांजलि

कानपुर 26 दिसंबर, 2024 

ई दिल्ली 26 दिसंबर, 2024 पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने रात 9:51 बजे अपनी अंतिम सांस ली।


मनमोहन सिंह के निधन पर भारत सरकार ने 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस शोक के दौरान सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, और राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में उनके पार्थिव शरीर को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा जाएगा और उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इसके अलावा, अंतिम यात्रा में गणमान्य व्यक्तियों और आम जनता को शामिल होने की अनुमति होगी। इसकी सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त होगी।
मनमोहन सिंह, जिनका जन्म 26 सितंबर 1932 को गाह, पंजाब में हुआ था, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं। वे भारत के 13वें व 14वें प्रधानमंत्री थे और 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री का कार्यकाल UPA (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस) सरकार के हिस्से रूप में रहा ।
उन्होंने 2004 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। यह अवधि 2014 तक चली, जिसमें उन्होंने कई वित्तीय कार्यक्रमों और नीतियों का कार्यान्वयन किया, जैसे मनरेगा जन सूचना अधिनियम, राइट टू ऐडूकेशन अधिनियम और फूड सिक्योरिटी बिल आदी ।
1991 में भारत की अर्थव्यवस्था संकट में थी, और मनमोहन सिंह को तब पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। उनके द्वारा लागू आर्थिक सुधारों ने भारत की आर्थिक दिशा को नया मोड़ दिया और उदारीकरण की प्रक्रिया को गति दी। और वे पहले वित्त मंत्री थे जिनका कार्यकाल 1991 से 1996 तक था। वे अर्थशास्त्र के एक प्रमुख विद्वान थे और उन्हें भारत को आर्थिक उदारीकरण की ओर अग्रसर करने के लिए विशेषकर आर्थिक सुधारों के लिए जो उन्होंने 1991 में लागू किए ।
मनमोहन सिंह का अधिकारिक नाम डॉ. मनमोहन सिंह है, और उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की वे एक प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान कई पुरस्कार भी जीते हैं, जिनमें कैम्ब्रिज में एडम स्मिथ पुरस्कार शामिल है।
मनमोहन सिंह का विवाह 1958 में गुरशरण कौर से हुआ, और उनके तीन बेटियां हैं उनका व्यक्तित्व सरल और शान्त रहने के कारण आलोचना का शिकार होते थे विपक्ष के लोग मौनी बाबा के नाम से कटाक्ष करते थे । उनकी प्रमुख रुचियों में पढ़ना और लिखना शामिल था।
भारत सरकार द्वारा मनमोहन सिंह को पद्म विभूषण, यूरोमोनी पुरस्कार, और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। उन्हें दुनिया के सबसे शिक्षित प्रधानमंत्रियों में से एक माना जाता था।
डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण क्षणों और परिवर्तनों का गवाह रहा थे । उनकी नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी और वे आज भी एक सम्मानित और प्रभावशाली नेता माने जाते थे ।
इस शोक की अवधि के दौरान कोई भी आधिकारिक समारोह या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा, और यह शोक अवधि एक दिन से लेकर सात दिन तक हो सकती है। यह निर्णय उस व्यक्ति की सामाजिक स्थिति और योगदान के आधार पर लिया जाता है।
उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "मैंने अपना गुरु खो दिया"। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह को एक प्रतिष्ठित नेता के रूप में याद किया और कहा कि वे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहे
उन्हें एक कुशल प्रशासक और एक सच्चे मार्गदर्शक के रूप में याद किया जाएगा, जिसने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक निर्णय लिए और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूर्व प्रधानमंत्री की आत्मा को शांति मिले, यही कामना है।

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