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कानपुर महाराजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सुभांसी खेड़ा निवासी राम नाथ निषाद को हत्या के मामले में अजीवन कारावास

विशालभान की पत्नी रानी की हत्या भी भूमी विवाद का हिस्सा सौतेले भाई राम नाथ निषाद को हत्या का दोषी ठहराते हुए  20,000 रुपये का जुर्माने के साथ अजीवन कारावास

कानपुर 9 दिसंबर, 2024

कानपुर: अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश कानपुर नगर राकेश कुमार तिवारी ने सोमवार को राम नाथ निषाद को हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे 20,000 रुपये का जुर्माने के साथ अजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माना न चुकाने पर एक अतिरिक्त वर्ष की सजा भुगतनी होगी। मुकदमे की कार्रवाई के दौरान हिरासत में बिताया गया समय को अजीवन कारावास की सजा में योजित किया जाएगा।




एडीजीसी विवेक शुक्ला के अनुसार महाराजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सुभांसी खेड़ा निवासी  विशालभान निषाद ने बताया कि 14 अगस्त 2020 को लगभग 5 बजे, जब उनकी पत्नी रानी पशुओं को चारा खिला रही थीं, उनके चचेरे भाई राम नाथ निषाद ने लाठी से उसके सिर पर गंभीर वार किए।
उनकी दो साल की पोती वैष्णवी ने चिल्लाते हुए अपने पिता दीपू और संदीप को बुलाया। जब वे पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि राम नाथ निषाद लाठी लेकर भाग रहा है। दीपू ने अपनी मां को होश में लाने की कोशिश की, लेकिन वह पहले ही अपनी चोटों के कारण दम तोड़ चुकी थीं।
एडीजीसी ने बताया कि हमले का कारण सौतेले भाइयों के बीच लंबे समय से चल रही जमीन के टुकडे के कारण दुश्मनी थी, राम नाथ निषाद को विशालभान की पत्नी रानी की हत्या करने के लिए लम्बे समय तक चली सुनवाही के दौरान पेश सबूतो व गवाहो के बयानो के आधर पर दोषी पाया गया ।

परिवारिक भूमि विवाद, जो अक्सर संपत्ति के स्वामित्व, विरासत से संबंधित मुद्दों और भूमि अधिकारों को लेकर परिवार के सदस्यों के बीच उत्पन्न होने वाले संघर्षों से जुड़े होते हैं।

परिवारिक भूमि विवादों का विषय भारत की सामाजिक और कानूनी संरचना का एक महत्वपूर्ण अवयव है, जो मुख्य रूप से संपत्ति के स्वामित्व, विरासत और भूमि अधिकारों से संबंधित है। ऐसे विवाद अक्सर परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर परिवर्तनों को संदर्भित करते हैं। यहां हम इन विवादों के महत्वपूर्ण कारण  इस प्रकार है ।

1. पैतृक और विरासत संपत्ति में अंतर

पैतृक संपत्ति वह संपत्ति है जो किसी व्यक्ति को अपने पूर्वजों (जिनमें पिता, दादा आदि शामिल हैं) से विरासत में मिलती है। इसके विपरीत, विरासती संपत्ति वह संपत्ति है जो किसी सदस्यों द्वारा स्वेच्छा से दी जाती है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार, परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपनी पैतृक संपत्ति में स्वाभाविक अधिकार होता है, जो उनके जन्म के समय से आरंभ होता है।

2. संयुक्त परिवार की संपत्ति

भारतीय संदर्भ में, संयुक्त परिवार की संपत्ति भी महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से हिंदू परिवारों में, बच्चों को परिवार की संपत्ति में समान अधिकार होते हैं। ऐसा कानून 2005 के हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में सुधार के बाद संभव हुआ, जिसमें बेटियों को भी संपत्ति में अधिकार देने का प्रावधान किया गया

3. विवादों के समाधान के तरीके

परिवारिक संपत्ति के विवादों का समाधान आमतौर पर कानूनी या अनौपचारिक कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जाता है। यदि परिवार के सदस्य विवाद नहीं सुलझा पाते हैं, तो उन्हें अदालत का सहारा लेना पड़ सकता है। विवाद समाधान के लिए पंचायतों और मध्यस्थता भी एक सामान्य प्रक्रिया है

4- कानूनी प्रक्रिया

संपत्ति के बंटवारे के लिए, परिवार के सदस्यों को पहले आपसी सहमति से निर्णय लेना आवश्यक है। यदि सहमति नहीं होती, तो  बंटवारे के लिए दीवानी अदालत में मामला दायर किया जा सकता है

5. पारिवारिक समझौते

परिवारिक समझौते,  विवादों को सुलझाने का  तरीका  है, में परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति के बंटवारे का निर्णय लिया जाता है। यह सहमति आमतौर पर एक कानूनी दस्तावेज नहीं होती है, लेकिन इसे सभी सदस्यों के हस्ताक्षर से पुष्ट किया जाना चाहिए.

6. समस्याएं और  समाधान

परिवारिक संपत्ति विवादों में आमतौर पर असहमति, दस्तावेजों की कमी, सीमा विवाद, और कानूनी जटिलताएं शामिल होती हैं। इन्हें सुलझाने के लिए:
  • असहमति: मध्यस्थता या पारिवारिक वार्ता का सहारा ।
  • दस्तावेजों की कमी: सरकारी कार्यालयों से संपर्क ।
  • सीमा विवाद: स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से नाप ।
इन विवादों को सफलतापूर्वक सुलझाने के लिए आपको सही कानूनी प्रक्रिया का पालन करना और आवश्यक दस्तावेजों को तैयार रखना आवश्यक है। भारतीय कानून और विशेषकर हिंदू कानून में संपत्ति के अधिकारों के मुद्दों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीधे तौर पर समाज के परिवार एवं सामुदायिक संरचना से जुड़ा होता है।
भारत में परिवारिक भूमि विवादों का समाधान एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम शामिल हैं। सभी सदस्यों को पारस्परिक सहमति और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक रह संपत्ति संबंधी विवादों को सहजता से सुलझाना चाहिये । 
 विशालभान की पत्नी रानी की हत्या भी भूमी विवाद का हिस्सा है ।

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