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बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी द्वारा प्रियंका गांधी पर विवादित टिप्पणी राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय मुख्य निर्वाचन आयुक्त की चेतावनी

  बीजेपी  नेता रमेश बिधूड़ी द्वारा  प्रियंका गांधी पर  विवादित टिप्पणी  

राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय  
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की चेतावनी
भारत के संवैधानिक ढांचे में महिलाओं को विशेष महत्व

कानपुर 8 जनवरी, 2025
नई दिल्ली: 7 जनवरी, 2025 बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी की  कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी से राजनीत मे भूकम्प आ गया है ।दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी के गाल वाले बयान पर आखिरकार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। प्रियंका ने इस दौरान तंज कसते हुए कहा कि बिधूड़ी अपने गालों की भी बात कर लेते। उन्होंने रमेश बिधूड़ी के बयान को फिजूल बताया चुनाव के दौरान हमें दिल्ली के लोगों के अहम मुद्दों पर बात करनी चाहिए।
 बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी द्वारा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय है ।  वहीं मुख्य निर्वाचन आयुक्त की चेतावनी ने इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। 
राजनीतिक संवाद में महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणियों का होना एक खतरनाक संकेत है । जब राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज होती है, तब कुछ नेता अपनी मर्यादा खो देते हैं। रमेश बिधूड़ी के ब्यान से स्पष्ट है कि  राजनीति में असंसदीय भाषा का उपयोग किया जा रहा है। इससे  राजनीतिक वातावरण दूषित हुआ है और महिलाये अपमानित महसूस कर रही है । 
प्रियंका गांधी का इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना  महत्वपूर्ण  है,  यह दर्शाता है कि महिलाओं की गरिमा के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है। उनका  चुप्पी तोड़ना न केवल अपने अधिकारों की रक्षा के लिए  बल्कि समस्त महिलाओं की आवाज़ को उठाना हैै । 
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ने प्रियंका गांधी को लेकर रमेश बिधूड़ी की ओर से की गई विवादित टिप्पणी पर मंगलवार को कहा था कि महिलाओं के बारे में ‘गंदी टिप्पणियां’ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'यदि कोई यह करता है, तो वह शर्मनाक है और उसकी भर्त्सना की जानी चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में यदि किसी ने महिलाओं पर टिप्पणी करते हुए हद पार की, तो मामला दर्ज कराया जाएगा।' उन्होंने कहा, ‘मैं आगाह कर रहा हूं कि अगर हद पार करेंगे, बच्चों का उपयोग करेंगे, महिलाओं के खिलाफ टिप्पणी करेंगे, तो हम अनुमति नहीं देंगे...माताओं और बहनों के बारे में ऐसे बोलेंगे, तो यह शर्मनाक है। अगर आप हद पार करेंगे, तो हम मामला दर्ज कराएंगे।’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा दी गई चेतावनी कि चुनावी प्रक्रिया में नैतिकता और मर्यादा बनाए रखना आवश्यक है। यदि राजनीतिक नेतृत्व इस  भाषा और व्यवहार को अपनाएगा, तो यह लोकतंत्र के  लिए हानिकारक होगा। 
 यह स्पष्ट है कि राजनीतिक भाईचारे को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी दलों को एकजुट होना चाहिए और राजनीतिक विमर्श में गरिमा और सम्मान बनाए रखना आवश्यक है। भारत के संवैधानिक ढांचे में महिलाओं को विशेष महत्व  है, और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राजनीतिक नेताओं को अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना होगा।

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