सम्पूर्ण विश्व सहित कानपुर में दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी जयंती मनायी जा रही है
लगभग सभी राजनैतिक दल के कार्यकर्ता उपस्थित है
प्रसाद और लंगर के माध्यम से कानपुर कल्चर साझा
लंगर (सामुदायिक भोज) में स्वच्छ शाकाहारी भोजन परोसा जा रहा है ।
प्रसाद और लंगर के माध्यम से कानपुर कल्चर साझा
कानपुर 6 जनवरी,
कानपुर 6 जनवरी सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025 कानपुर में 6 जनवरी, सोमवार को मनायी जा रही है। पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है ।
यूपी सरकार ने इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है[जिससे सभी सरकारी कार्यालय और स्कूल बंद रहेंगे। इस अवसर पर, विशेष धार्मिक समारोहों का आयोजन करने के निर्देश है । सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में एकत्र हों लंगर का आयोजन कर रहे है ।
इस शुभ दिन पर गुरु गोबिंद सिंह जी (दसवें गुरु) जयंती .. माता गुजरी और गुरु तेग बहादुर जी (नौवें गुरु) के पुत्र न्याय, समानता और करुणा की उनकी विरासत को याद रखने आशीर्वाद धार्मिकता और दिव्य उद्देश्य के जीवन की ओर के लिये मनाया जा रहा है
गुरु गोबिंद सिंह जी के इस महत्वपूर्ण त्यौहार पर, विशेष प्रार्थनाओं और कीर्तन का आयोजन कर रहे है ।, जिसमें शबद कीर्तन से श्रद्धालु गुरु जी को समर्पित अपना श्रद्धा भक्ति प्रकट कर रहे है ।,इस दिन का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से है, बल्कि यह गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा स्थापित एकता, समानता और न्याय सिद्धांतों और मूल्यों को भी याद करने का अवसर प्रदान करता है, गुरु गोबिंद सिंह जी की उपदेश और शिक्षाएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं, और इस दिन उन्हें नमन करना हम सभी की जिम्मेदारी है
मोतजील, कानपुर में गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रसाद वितरण कर सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जीकी जयंती मनाई जा रही है, इस अवसर पर कानपुर में विभिन्न स्थलो व गुरुद्वारों में विशेष आयोजन किए जा रहे है जिसमें अरदास और कड़ा प्रसाद का वितरण शामिल होगा। इस सेवादार आयोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा लंगर (सामुदायिक भोज) है, जिसमें स्वच्छ शाकाहारी भोजन परोसा जा रहा है ।
SIKH (सिख) शब्द का अर्थ सीखना। जी हां सिख धर्म हिन्दू धर्म की प्राचीन गुरु-शिष्य (गुरु-सिख) परंपरा पर आधारित है। ये ऐसा धर्म है जहां गुरु को ईश्वर का दर्जा देकर सीखने पर जोर दिया गया है। हमको जिंदगी के आखिरी पड़ाव तक सीखना चाहिए।
दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मदिवस के अवसर पर कानपुर में नगर कीर्तन आदी सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की गयी थी यह अवसर सिख समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जहाँ प्रतिभागी श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लेते हैं। .सम्पूर्ण विश्व मे दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी जयंती का त्योहार सिख धर्म के लोग बेहद धूमधाम से आज मनाया जा रहा है कानपुर मे सिख धर्म का प्रकाश पर्व का विशेष महात्व है । देशभर में सिख धर्म का प्रकाश पर्व. सिख धर्म में कुल दस गुरु हुए हैं और इनमें से दो प्रमुख गुरुओं, गुरु नानक देव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मदिवस को विशेष रूप से प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है. इस दिन सिख लोग अखंड पाठ का आयोजन कर रहे है, गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया जा रहा है. सामुदायिक भोज या 'लंगर' परोसे जा रहे है
गुरु गोबिंद सिंह जी के इस महत्वपूर्ण त्यौहार पर, विशेष प्रार्थनाओं और कीर्तन का आयोजन कर रहे है ।, जिसमें शबद कीर्तन से श्रद्धालु गुरु जी को समर्पित अपना श्रद्धा भक्ति प्रकट कर रहे है ।,इस दिन का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से है, बल्कि यह गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा स्थापित एकता, समानता और न्याय सिद्धांतों और मूल्यों को भी याद करने का अवसर प्रदान करता है, गुरु गोबिंद सिंह जी की उपदेश और शिक्षाएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं, और इस दिन उन्हें नमन करना हम सभी की जिम्मेदारी है
मोतजील, कानपुर में गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रसाद वितरण कर सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जीकी जयंती मनाई जा रही है, इस अवसर पर कानपुर में विभिन्न स्थलो व गुरुद्वारों में विशेष आयोजन किए जा रहे है जिसमें अरदास और कड़ा प्रसाद का वितरण शामिल होगा। इस सेवादार आयोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा लंगर (सामुदायिक भोज) है, जिसमें स्वच्छ शाकाहारी भोजन परोसा जा रहा है ।
SIKH (सिख) शब्द का अर्थ सीखना। जी हां सिख धर्म हिन्दू धर्म की प्राचीन गुरु-शिष्य (गुरु-सिख) परंपरा पर आधारित है। ये ऐसा धर्म है जहां गुरु को ईश्वर का दर्जा देकर सीखने पर जोर दिया गया है। हमको जिंदगी के आखिरी पड़ाव तक सीखना चाहिए।
दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मदिवस के अवसर पर कानपुर में नगर कीर्तन आदी सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की गयी थी यह अवसर सिख समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जहाँ प्रतिभागी श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लेते हैं। .सम्पूर्ण विश्व मे दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी जयंती का त्योहार सिख धर्म के लोग बेहद धूमधाम से आज मनाया जा रहा है कानपुर मे सिख धर्म का प्रकाश पर्व का विशेष महात्व है । देशभर में सिख धर्म का प्रकाश पर्व. सिख धर्म में कुल दस गुरु हुए हैं और इनमें से दो प्रमुख गुरुओं, गुरु नानक देव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मदिवस को विशेष रूप से प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है. इस दिन सिख लोग अखंड पाठ का आयोजन कर रहे है, गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया जा रहा है. सामुदायिक भोज या 'लंगर' परोसे जा रहे है
दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी जयंती पर बनाया जाने वाला कड़ा प्रसाद दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी जयंती के दिन , गुरुद्वारों में परोसे जाने वाले सामुदायिक भोज या 'लंगर' को खाने व खिलाने की प्रथा है । भोजन पपूरी तरह से शाकाहारी होता है जिसे विशेष रूप से स्वयंसेवकों द्वारा सांप्रदायिक रसोई में तैयार किया जाता है. लंगर में परोसे जाने वाले भोजन में आमतौर पर रोटी, चावल, दाल, छाछ या लस्सी के साथ सब्जियां शामिल होती हैं. गेहूं के आटे, चीनी और घी के साथ बनाया जाने वाला मीठा कड़ा प्रसाद भी लंगर का एक अभिन्न हिस्सा होता है.
कानपुर में इसकी तैयारी पहले से की जाती है , और सभी समुदाय के लोग इसमें भाग लेते हैं।
इस वर्ष भी लाखो की संख्या मे भक्तजन लंगर खा व खिला रहे है । लगभग सभी राजनैतिक दल के कार्यकर्ता उपस्थित है और प्रसाद और लंगर के माध्यम से कानपुर कल्चर को साझा कर रहे है ।
कानपुर में इसकी तैयारी पहले से की जाती है , और सभी समुदाय के लोग इसमें भाग लेते हैं।
इस वर्ष भी लाखो की संख्या मे भक्तजन लंगर खा व खिला रहे है । लगभग सभी राजनैतिक दल के कार्यकर्ता उपस्थित है और प्रसाद और लंगर के माध्यम से कानपुर कल्चर को साझा कर रहे है ।
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