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प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन का आधी रात को फैसला लेना “अपमानजनक” और “अशिष्टतापूर्ण”

 चयन प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन

गांधी ने पैनल के समक्ष असहमति पत्र भी प्रस्तुत सदस्य गृह मंत्री अमित शाह भी
तीन सदस्यीय समिति में शामिल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक बैठक टालने को कहा था।
बैठक के कुछ घंटों बाद ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त
स्वतंत्र चुनाव आयोग का बुनियादी पहलू  आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया

कानपुर 19, फरवरी, 2025
नई दिल्ली, फरवरी 18, 2025 ,नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुये  कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन का आधी रात को फैसला लेना “अपमानजनक” और “अशिष्टतापूर्ण” है, जबकि चयन की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
सरकार ने सोमवार देर रात प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली चयन समिति की बैठक के कुछ घंटों बाद ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया। तीन सदस्यीय समिति में शामिल गांधी ने सरकार से मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के मद्देनजर बैठक टालने को कहा था। नेता विपक्ष गांधी ने समिति जिसके सदस्य गृह मंत्री अमित शाह भी हैं के समक्ष एक असहमति नोट भी प्रस्तुत किया था।
उन्होंने लिखा था कि कांग्रेस चाहती है अगले मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक टाल दिया जाए और सीईसी चुनने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बुलाई गई बैठक को स्थगित कर दिया जाए।
गांधी ने असहमति नोट में लिखा, "यह संस्थाओं के साथ-साथ हमारे देश के संस्थापक नेताओं के लिए अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण होगा कि यह समिति अगले मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की अपनी प्रक्रिया को जारी रखे, जबकि इस समिति की संरचना और प्रक्रिया को चुनौती दी जा रही है और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर सुनवाई की जाएगी।"
गांधी ने लिखा कि 2 मार्च, 2023 को एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आदेश दिया कि सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पीएम, नेता विपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) वाली समिति द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फैसला चुनावी प्रक्रिया के बारे में मतदाताओं की व्यापक चिंता को दर्शाता है। गांधी ने अपने असहमति नोट में लिखा कि "यह सार्वजनिक सर्वेक्षणों में मतदाताओं के विश्वास में निरंतर गिरावट भारत की चुनाव प्रक्रिया और इसकी संस्थाओं में परिलक्षित होता हैं"। कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, केंद्र सरकार ने अगस्त 2023 को एक कानून अधिसूचित किया, जिसने शीर्ष अदालत के आदेश की भावना और शब्द को दरकिनार कर दिया। गांधी ने कहा कि कानून ने पीएम,नेता विपक्ष और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को शामिल करने और सीजेआई को समिति से हटाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए समिति का पुनर्गठन किया। कांग्रेस नेता ने लिखा कि इस सरकारी आदेश को बाद में एक जनहित याचिकाकर्ता ने चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 19 फरवरी, 2025 को इस मामले पर सुनवाई है।
गांधी ने कहा कि संविधान निर्माता बी आर अंबेडकर ने जून 1949 में संविधान सभा में बोलते हुए भारत के लोकतंत्र और चुनाव आयोग के मामलों में कार्यकारी हस्तक्षेप के बारे में चेतावनी दी थी।
गांधी ने असहमति नोट में लिखा, "कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त स्वतंत्र चुनाव आयोग का सबसे बुनियादी पहलू चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया है।"

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