पैतृक संपत्ति के बंटवारे, सेटलमेंट पर खर्च होंगे सिर्फ रुपए पांच हजार , मुख्यमंत्री योगी ने अविवादित संयुक्त पारिवारिक संपत्ति के विभाजन-सेटलमेंट की प्रक्रिया को सरल बनाने के दिए निर्देश

बिना किसी विवाद के पीढ़ियों की संपत्ति का मात्र पांच हजार से बंटवारा व सुनिश्चित सेटलमेंट
1. कम लागत
2. सरल प्रक्रिया
3. ई-रजिस्ट्री की व्यवस्था
4. आसान समझौते
कानपुर 19 मार्च 2025,
लखनऊ : रक्त संबंधियों को संपत्ति दान देने की व्यवस्था को सरल बनाने के बाद योगी सरकार अब संयुक्त पारिवारिक संपत्ति (पैतृक संपत्ति) के विभाजन और सेटलमेंट (व्यवस्थापन) की प्रक्रिया को भी सरल व सस्ती बनाने जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी विवाद के पीढ़ियों की संपत्ति का मात्र पांच हजार रुपये में आसानी से बंटवारा व सेटलमेंट सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। नई व्यवस्था के लागू होने पर सम्पत्ति स्वामी जीवित रहते लाखों खर्च किए बिना ही अचल संपत्ति को परिजन को दिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री के समक्ष स्टांप एवं निबंधन विभाग ने पारिवारिक संबंधियों के बीच होने वाले बंटवारे और सेटलमेंट (समझौता पत्र निष्पादन) की प्रक्रिया को सरल बनाने व उस पर स्टांप ड्यूटी में छूट देने संबंधी प्रस्तुतीकरण किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि परिवार के बीच अचल संपत्ति के बंटवारे तथा जीवित सम्पत्ति स्वामी द्वारा संपत्ति को परिवार के नाम किए जाने पर पांच हजार रुपये ही स्टांप शुल्क लिया जाए।
विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित संपत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं। विभाजन उनके बीच होता है।प्रस्तावित छूट एक ही मृतक व्यक्ति की संपत्ति का उसके वंशजों के बीच बंटवारे पर मिलेगी। मतलब यह है कि दादा की संपत्ति में हिस्सेदार इसका उपयोग कर सकेंगे।
सेटलमेंट (व्यवस्थापन) विलेख में सेटलमेंट कर्ता पक्षकार (जीवित) अपनी संपत्तियों को कई पक्षकारों के मध्य निस्तारित करता है।
सेटलमेंट विलेख में प्रस्तावित छूट के अधीन सेटलमेंट कर्ता पक्षकार अपने वंशजों (जो किसी भी पीढ़ी के हों) के पक्ष में सेटलमेंट कर सकता है। यदि परदादा-परदादी जीवित हों, तो संपत्ति का सेटलमेंट उनके पक्ष में और यदि प्रपौत्र/प्रपौत्री जीवित हों, तो उनके पक्ष में किया जा सकता है।
यूपी सरकार ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्णय के अन्तर्गत 5 हजार रुपये के स्टाम्प पेपर पर संपत्ति के बंटवारे के विवादों का समाधान किया जा सकेगा। यह प्रदेश के लाखों परिवारों के लिए राहत का एक बड़ा कदम है.
नई व्यवस्था की के अन्तर्गत विशेषताएँ
1. कम लागत: अब पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के लिए 5000 रुपये का स्टाम्प शुल्क अदा करना होगा, जो पहले की तुलना में काफी कम है। उदाहरण के लिए, पहले त एक करोड़ रुपये संपत्ति पर लगभग 7 लाख रुपये का स्टाम्प शुल्क लगता था, जो अब सीमित होकर 5 हजार रुपये हो गया है
2. सरल प्रक्रिया: अब विवाद सुलझाने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। परिवार के सदस्यों को एक स्थान पर मिलकर तहसीलदार के समक्ष सहमति पत्र देना होगा, जिससे विवादों का समाधान जल्दी किया जा सकेगा.
3. ई-रजिस्ट्री की व्यवस्था: संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए ई-रजिस्ट्री की व्यवस्था लागू की गई है। इससे लोग बिना दफ्तरों के चक्कर लगाए, ऑनलाइन ही संपत्ति की रजिस्ट्री कर सकेंगे। यह प्रक्रिया देश के दूसरे राज्यों की तुलना में काफी सरल है.
4. आसान समझौते: स्टाम्प और पंजीकरण मंत्री रवींद्र जायसवाल के अनुसार, इस नई प्रणाली के जरिए परिवारों में प्यार और एकता को बढ़ावा मिलेगा, और यह प्रस्ताव विवादों को कम करने में मददगार साबित होगा.
यह व्यवस्था संपत्ति विवादों का समाधान कर आसान बनाएगी, बल्कि इससे प्रदेश के लाखों परिवारों को राहत भी मिलेगी। योगी सरकार का यह कदम 'ईज ऑफ लिविंग' की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो आम नागरिक के लिए जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है.
पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, आपको सबसे पहले एक वसीयत चाहिए जो आपकी संपत्ति को स्पष्ट रूप से परिभाषित करे। यदि कोई वसीयत नहीं है, तो संपत्ति को उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार विभाजित किया जाएगा। यदि संपत्ति को लेकर कोई विवाद है, तो मध्यस्थता या अदालत के माध्यम से इसे सुलझाया जा सकता है।

Post a Comment

0 Comments