भारत में कुल संख्या 28,000 से अधिक स्टार्टअप बंद हुए:पिछले साल से 30 फीसदी ज्यादा

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम एक गंभीर संकट के दौर से
भारत में 2023 और 2024 में स्टार्टअप्स के बंद होने की संख्या बढ़ी
2025 में अब तक 11,223 स्टार्टअप्स बंद
गिरावट के मुख्य कारण निवेश की कमी:फंडिंग विंटर:बुनियादी कमियां:अनुचित मूल्यांकन:
कानपुर:24 अक्टूबर
नई दिल्ली :24 अक्टूबर: भारत में 2023 और 2024 में स्टार्टअप्स के बंद होने की संख्या महत्वपूर्ण रूप से बढ़ी है, जिसके पीछे कई कारण हैं। इन दोनों वर्षों में क्रमशः 15,921 और 12,717 स्टार्टअप बंद हुए, जिससे कुल संख्या 28,000 से अधिक हो गई.
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में अब तक 11,223 स्टार्टअप्स बंद हो चुके हैं, जो पिछले साल की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है. फंडिंग की कमी, बढ़ते खर्च और अस्थिर बिजनेस मॉडल ने कई उभरती कंपनियों को घुटनों पर ला दिया है. नई दिल्ली. भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब बड़ी चुनौती से गुजर रहा है
गिरावट के मुख्य कारण
निवेश की कमी: कई स्टार्टअप्स ने अपने शुरुआती चरण में बड़ी फंडिंग हासिल की, लेकिन आगे जाकर उन्हें अन्य फंडिंग नहीं मिल पाई। निवेश में भारी कमी आई है, जिससे व्यवसाय संचालन में बाधा उत्पन्न हुई।
फंडिंग विंटर: वैश्विक परिस्थिति, जैसे कि रूस-यूक्रेन युद्ध, ने निवेशकों का मनोबल गिराया है। 2021 में कुल फंडिंग 42 बिलियन डॉलर से घटकर 2023 में केवल 10 बिलियन डॉलर रह गई।
बुनियादी कमियां: स्टार्टअप्स ने ग्राहकों की जरूरतों को समझने में विफल रहा, जिसका परिणाम यह हुआ कि उनके व्यवसाय मॉडल टिकाऊ नहीं रह पाए। कई कंपनियों को ग्राहक बनाए रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ा, जिससे संचालन खर्च बढ़ गया।
अनुचित मूल्यांकन: कुछ स्टार्टअप्स ने अत्यधिक मूल्यांकन के आधार पर फंडिंग जुटाई थी, लेकिन वे अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सके। यह उन्हें आगे की फंडिंग की खोज में पीछे छोड़ गया
इनके कारण भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम एक गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। भविष्य में इन चुनौतियों से उबरने के लिए सही रणनीतियों और निवेश का होना अनिवार्य होगा। अधिकतर प्रभावित क्षेत्रों में एग्रीटेक, फिनटेक, एडटेक और हेल्थटेक शामिल हैं, जिनमें से कई स्टार्टअप्स ने अपार संभावनाओं के बावजूद विफलता का सामना किया।
गिरावट के संदर्भ में आवश्यक है कि स्टार्टअप्स अपने व्यवसाय मॉडल को फिर से परिभाषित करने और उपभोक्ता मांग के अनुरूप अपनी सेवाओं को अनुकूलित कर भविष्य में लाभ कमाने में सफल हो ।

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