हैदराबाद तंलंगाना के लापता लड़के का बयाान यह भी मेरा घर है दोनो घरो मे समान रुप से रहता रहूगा । तथा असली माता पिता तो पालने वाले ही होते है ।
कानपुर 5 दिसम्बर 2024
कानपुर सेवानिवृत्त कर्मचारी के परिवार ने वर्ष 2014 में एक लडका गोद लिया था, और उसका पालन-पोषण अभिनव सिंह के रूप में रह रहा था सीआईडी प्रमुख शिखा गोयल ने बुधवार को बताया कि महिला सुरक्षा शाखा में एसएचई साइबर लैब और मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) की टीम लंबे समय से लंबित गुमशुदगी के मामलों का पता लगाने के लिए प्रयास करती है। मोहम्मद खलील घोरी 12 वर्ष 2014 में कंचनबाग हैदराबाद से लापता हो गया था उसकी गुमसुदगी के सन्दर्भ मे प्रथम सूचना रिर्पोट लम्बे समय से लम्बित थी ।
सीआईडी ने कानपुर को 10 साल बाद लापता लड़के का पता |
लड़का सिर्फ अपने आधार कार्ड के साथ घर से निकला था। स्थानीय पुलिस द्वारा प्रयास किए जाने के बावजूद उसका पता नहीं चल सका। बाद में मामला एएचटीयू सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया था। जांच के दौरान, तकनीकी टीम ने ओपन-सोर्स टूल के साथ-साथ पुलिस जांच टूल का उपयोग करके लापता लड़के की सभी डिजिटल पहचान एकत्र की। अब वह 22 वर्ष का हो चुका था।
आधार कार्ड से डिजिटल पहचान बदल कर नए मोबाइल नंबर के साथ अपडेट किया गया था। इस सूचना के आधार पर टीम ने मोबाइल नंबर के आवंटन की पहचान की यह कानपुर के एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी से पास था । यह पाया गया कि 12 साल की उम्र में लड़का ट्रेन से यूपी गया और कानपुर रेलवे स्टेशन पर घूमते समय, उसे रेलवे पुलिस द्वारा एक बाल सरंक्षण गृह में ले जाया गया। वर्ष 2022 में उसे सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी सनेही सिंह ने गोद लिया, जिसने लड़के का नाम बदलकर अभिनव सिंह कर दिया था ।
आपराधिक मामलों की अनुसंधान और समाधान के लिए समर्पित पुलिस बल के भीतर एक विशेष शाखा है। सीआईडी विभिन्न देशों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों का एक अभिन्न अंग है और न्याय सुनिश्चित करने, सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने और कानून के शासन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सीआईडी की उत्पत्ति का पता 19 वीं शताब्दी के मध्य में है जब कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने आपराधिक अनुसंधान आवश्यकता को पहचाना। पहली सीआईडी की स्थापना यूनाइटेड किंगडम में 1842 में तत्कालीन गृह सचिव सर रॉबर्ट पील ने की थी। यह अलग शाखा थी जो गुप्त उभरती आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा करती थी।
आपराधिक अनुसंधान विभाग की अवधारणा ने तेजी से जन्म लिया इसी तरह की इकाइयों का गठन अन्य देशों में किया गया, जो अपराध और आपराधिक अनुसंधान की प्रकृति के अनुकूल थे। आज सीआईडी इकाइयां विश्व स्तर पर काम करती हैं, प्रत्येक की विशिष्ट संरचना और अधिकार क्षेत्र है।
सीआईडी का प्राथमिक कार्य हत्या, डकैती, धोखाधड़ी और अन्य जटिल आपराधिक गतिविधियों जैसे गंभीर अपराधों की गहन जांच करना है। सीआईडी जासूस सबूत इकट्ठा करने, गवाहों का साक्षात्कार करने और अपराध दृश्यों का विश्लेषण करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं।
निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाना: सीआईडी अक्सर आपराधिक गतिविधियों पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए गुप्त प्रक्रिया करती है ।इसमें अवैध संदेह वाले व्यक्तियों या समूहों की निगरानी भी है।
फोरेंसिक विश्लेषण: सीआईडी अपराध दृश्यों से एकत्र किए गए सबूतों का विश्लेषण करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान का उपयोग करती है। इसमें डीएनए विश्लेषण, फिंगरप्रिंटिंग, बैलिस्टिक और संदिग्धों और आपराधिक गतिविधियों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए अन्य वैज्ञानिक विश्लेषण शामिल हैं।
अंडरकवर ऑपरेशन: CID जासूस आपराधिक संगठनों में घुसपैठ करने, जानकारी इकट्ठा करने और अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को पकड़ने के लिये गुप्त आपरेशन संचालन करते है । इसके लिए उच्च स्तर के प्रशिक्षण और अनुकूलन क्षमता की आवश्यकता होती है।
केस सॉल्विंग और कोर्ट की गवाही: सीआईडी जांचकर्ता आपराधिक परीक्षणों के दौरान अदालत में सबूत पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका खोजी कार्य कानूनी कार्यवाही की नींव बनाता है, अपराधियों को दोषी ठहराने और न्याय प्रदान करने में योगदान देता है।
विशिष्ट इकाइयाँ: CID में अक्सर साइबर अपराध इकाइयाँ, हत्या दस्ते, नारकोटिक्स प्रभाग और धोखाधड़ी अनुसंधान दल जैसी विशेष इकाइयाँ हैं। ये इकाइयां विशिष्ट प्रकार के अपराधों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जिससे कानून प्रवर्तन के लिए अधिक लक्षित और प्रभावी दृष्टिकोण की अनुमति मिलती है
सीआईडी शब्द व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, इसकी संरचना और जिम्मेदारियां देशों के बीच भिन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए:
यूनाइटेड किंगडम में, सीआईडी प्रत्येक क्षेत्रीय पुलिस बल की शाखा है, और सीआईडी के भीतर जासूस आपराधिक गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला की जांच करते हैं।
भारत: भारत में अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर काम करता है। यह जटिल मामलों की जांच में शामिल है, जिनमें अंतर-राज्य या अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव हो सकते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका में, सीआईडी के समकक्ष अक्सर पुलिस विभागों के जासूसी या अनुसंधान प्रभागों के भीतर पाया जाता है। विभिन्न एजेंसियों के पास कुछ प्रकार के अपराधों के लिए समर्पित विशिष्ट इकाइयाँ हो सकती हैं, जैसे कि हत्या या साइबर अपराध।
आधुनिक युग में सीआईडी कई चुनौतियों का सामना करती है, जिनमें शामिल हैं:
तकनीकी जटिलता: साइबर अपराध और परिष्कृत आपराधिक उद्यमों के उदय के लिये CID को जाँच के लिये नई तकनीकों और पद्धतियों के अनुकूल होने की आवश्यकता है।
अपराध का वैश्वीकरण: सीमाओं को पार करने वाली आपराधिक गतिविधियाँ चुनौतियाँ पेश करती हैं, जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय की आवश्यकता होती है।
सार्वजनिक विवेचन: CID जाँच अक्सर गहन सार्वजनिक और मीडिया जाँच के दायरे में आती है। गहन और निष्पक्ष जांच करते समय जनता का विश्वास बनाए रखना कठिन कार्य है ।
संसाधन की कमी: सीआईडी इकाइयों को बजट सीमाओं और प्रशिक्षित कर्मियों की कमी सहित संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ सकता है। प्रभावी अपराध-समाधान के लिए पर्याप्त धन और प्रशिक्षण आवश्यक है।
अंत में, आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में आधारशिला के रूप में है, जो आपराधिक गतिविधियों की जटिलताओं को उजागर करने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। एक समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और अपराध की विकसित प्रकृति के अनुकूल होने की प्रतिबद्धता के साथ, सीआईडी सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने और दुनिया में न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैसे-जैसे अपराध विकसित होता जा रहा है, वैसे-वैसे सीआईडी इकाइयों के तरीके और क्षमताएं भी बढ़ती जाएंगी। आपराधिक गतिविधियों नियन्त्रण सुनिश्चित करता है।
मोहम्मद खलील कंचनबाग हैदराबाद का प्रकरण उदाहरण है । महिला सुरक्षा शाखा अपराध अनुसंधान विभाग ने सिंह (गोरी) को शहर में उसके माता-पिता को सौंप दिया।लडके ने बताया कि उसके सरंक्षक पिता जैसा प्यार देते थै । किसी चीज की कमी नही रखते थै । सभी त्योहारो मे भी खुश रखते थे वर्तमान मे इस खुशी के साथ वापस जा रहा हू कि वापस आता रहूगा। अभी घर जाना जरुरी है । यह भी मेरा घर है दोनो घरो मे समान रुप से रहता रहूगा । तथा असली माता पिता तो पालने वाले ही होते है ।
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