- फर्जी दस्तावेजों से अपराधियों को जमानत दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़,
- 5 आरोपी गिरफ्तार
- भारतीय न्याय संहिता धारा 336 के अनुसार अपराधियों को आजीवन कारावास
- या दस वर्ष की कारावास के साथ आर्थिक दंड या दोनों ।
- गंभीर अपराध
- समझौता नहीं
मुंबई :17 दिसंबर, 2024
मुंबई : पुलिस ने फर्जी कागजात बनाकर अपराधियों को जमानत दिलाने वाला गिरोह का भंडाफोड़ किया है, । गिरोह के पाँच सदस्य अमित नारायण गिजे, अहमद कासिम शेख, संजीव सोहनलाल गुप्ता और उमेश अर्जुन कावले को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह कोर्ट में फर्जी पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से एक ही व्यक्ति कोअलग-अलग कागजात बनाकर उसे जमानदार के रूप में पेश करते थे।
पुलिस को गिरोह के पास से विभिन्न कूटरचित आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, कंपनी के आईडी, बैंक स्टेटमेंट, और अन्य प्रमाण पत्र जमानत शपथ पत्र, आदेश जमानत उच्च न्यायालय, 1 वकालतनामा अधिवक्ता, रिपोर्ट तहसील तस्दीक सम्पत्ति जामीन, बेल बांड, शपथ पत्र, जमानत शपथ पत्र, खतौनी, फर्जी आधारकार्ड, स्टैम्प मोहरे, खाली स्टाम्प 10 रुपये, बेलबांड खाली, शपथ पत्र जमानती खाली, स्टैम्प पैड, खतौनी व ब्लैंक ए-फोर साईज, मोबाइल फोन एक लैपटॉप, विभिन्न प्रिंटर और लैमिनेशन मशीन व कार बरामद किये गये है ।
ऐसे गिरोह का संचालन गंभीर चुनौती है, मुंबई पुलिस ने पुर्व मे भी कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है। एक गिरोह फर्जी वर्क परमिट से बेरोजगारों को विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा दे रहा था, उसे गिरफ्तार किया गया था। सभी प्रकरणो से स्पष्ट है कि फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी तेजी से विकसित हो रही हैं और सुरक्षा बल नियन्त्रण करने का लगातार प्रयास कर रहे है।
एक अन्य गिरोह जो डिजिटल वर्ल्ड में फर्जीवाड़ा कर कर साइबर अपराध फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों से क्रेडिट कार्ड और होम लोन कराता था को भी पकड़ा गया था,
यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों दस्तावेजों और नकली पहचान बना कर ग्राहकों को धोखा दे लाखों रुपये का चूना लगा रहे थे । मुंबई पुलिस ने इन गिरोहों के रोकथाम के लिये जागरूकता का महत्वपूर्ण कदम उठाया है ।
आम जनता को धोखाधड़ी और दस्तावेजों के तैयार करने वाले गिरोहों खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है से सुरक्षित रखाने फर्जी , ताकि आम जनता को इन धोखाधड़ी के मामलों से सुरक्षित रखा जा सके।
धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामलों को भारतीय न्याय संहिता धारा 336 के अन्तर्गत अपराध पजीकृत करते है। इस धारा के अन्तर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी मूल्यवान प्रतिभूति के संपत्ति का धोखाधड़ी या विश्वासघात करता है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे अपराधियों को आजीवन कारावास या दस वर्ष की कारावास के साथ आर्थिक दंड या दोनों की सजा हो सकती है। इसके यह अपराध गंभीर होता है और समझौता के लायक नहीं माना जाता है। धारा 336 के अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है ताकि समाज में विश्वास और न्याय की स्थिति को सुनिश्चित किया जा सके।
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