दिल्ली में छात्रों ने अपने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी
मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं को स्थगित कराना
छात्रो ने काउंसलिंग मे स्वीकार किया वह बम धमकी के समाचारो से प्रेरित
स्कूल छात्रों पर क्षमता और अनुभव को नज़रअंदाज़ कर अतिरिक्त बोझ डालते हैं।छात्र विचलित हो जाते है और गलत दिशा मे प्रयास करते है ।
कानपुर : 22 :दिसंबर 2024
दिल्ली:22 :दिसंबर 2024 दिल्ली पुलिस के अनुसार छात्रों ने अपने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं को स्थगित कराना था । दिल्ली पुलिस के अनुसार, कम से कम तीन स्कूलों को भेजे गए धमकी भरे ई-मेल उनके स्वयं के छात्रों द्वारा भेजे गए थे ।
रोहिणी में 28 नवंबर को आतंकवादी गतिविधि से संबंधित विस्फोट की घटना हुयी थी यह विस्फोट एक अवैध पटाखा फैक्टरी या विस्फोटक सामग्री से हुआ था धमकियों में एक प्रमुख नाम वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल का है जिसे धमकी 28 नवंबर को मिली थी, जो रोहिणी में एक विस्फोट की घटना के एक दिन बाद थी रोहिणी में 28 नवंबर को आतंकवादी गतिविधि के चलते विस्फोट की घटना हुयी थी यह विस्फोट एक अवैध पटाखा फैक्टरी या विस्फोटक सामग्री से हुआ था
वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल के दो छात्रों ने धमकी भरा ई-मेल परीक्षाएं स्थगित कराने के लिये भेजा था
पुलिस ने बताया कि छात्रो ने काउंसलिंग के दौरान स्वीकार किया वह कुछ अन्य स्कूलों में बम धमकी के समाचारो से प्रेरित हुये थे स्कूलों में सुरक्षा जांचें मे कोई भी संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली।
पुलिस ने छात्रों और उनके माता-पिता को चेतावनी देने के बाद छोड़ दिया. पिछले दिनों देशभर में 150 से अधिक स्कूलों को बम धमकियों के बाद भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) को रूसी भाषा में बम से उड़ाने की दूसरी चेतावनी शुक्रवार को एक महीने से भी कम समय में आधिकारिक वेबसाइट पर ईमेल के जरिए दी गई थी।
दिल्ली में छात्रों ने परीक्षाएं प्रभावित करने के लिए गंभीर धमकी दी थी।, यह चिंताजनक स्थिति है। पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की है, किंतु छात्रों के मानसिकता और इस प्रकार की घटनाओं को रोक थाम के लिए अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
टेलीकास्टटूडे के अनुसार परीक्षा हर किसी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। लेकिन परीक्षा पास करना जीवन का एकमात्र लक्ष्य नहीं होना चाहिए सफलता परीक्षा नही प्रयास से मिलती है । स्कूलों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए स्कूल अपने छात्रों पर अतिरिक्त बोझ डालते हुए उनकी क्षमता और अनुभव को नज़रअंदाज़ करते हैं।छात्र विचलित हो जाते है और गलत दिशा मे प्रयास करते है ।
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