केंद्रीय कृषि मंत्री ने शुक्रवार को किसानों के दिल्ली मार्च के सन्दर्भ मे राज्यसभा को आश्वासन सरकार सभी कृषि उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के कानून के लिये प्रतिबद्ध है।
कानपुर 6 दिसंबर, 2024,
केंद्रीय कृषि मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। यह सरकार की योजना को पूरा करने की गारंटी व अभिमत हैं।
मोदी की नीतियों का हवाला देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि 2019 के बाद से, एमएसपी की गणना की गई है जिसमें उत्पादन लागत पर 50% लाभ शामिल किया गया है, जिससे किसानों को लाभ होगा। उन्होंने आगणन पूर्ववर्ती सरकारो से करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने किसानों की मांगों की अनदेखी की।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा पूर्ववर्ती सरकारो ने किसानों को कभी सम्मान नहीं दिया और लाभकारी मूल्य पर कभी गंभीरता से विचार नहीं किया. दूसरी तरफ हम पिछले तीन वर्षों से धान, गेहूं, ज्वार और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए उत्पादन लागत से 50% अधिक दे रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने जिंस दरों में गिरावट के दौरान निर्यात शुल्क और मूल्य निर्धारण में सरकार के हस्तक्षेप का भी उल्लेख किया, जो किसानों के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने विपक्ष के सवाल और आश्वासन देते हुए दोहराया, "हम 50% से अधिक लाभ पर एमएसपी तय करेंगे और उपज खरीदेंगे। उन्होंने पिछली सरकारों पर किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा, "जब कांग्रेस सत्ता में थी, किसानों ने खून के आंसू बहाए थे। मेरे लिए 'किसान की सेवा' भगवान की पूजा है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अध्यक्ष जगदीप धनखड़ की टिप्पणी का उल्लेख किया जिसमें किसानों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। बदले में धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री पर भरोसा जताते हुए कहा, 'मंत्री, जिन्हें 'लाडली' के नाम से जाना जाता है, 'किसान का लाडला' भी बनेंगे.' आय वृद्धि और ऋण माफी पर पर ध्यान देगे ।
राजद सांसद मनोज कुमार झा द्वारा कृषि ऋण माफी के बारे में पूछे जाने पर, केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ानेके लिये प्रयासरत है । केंद्रीय कृषि मंत्री ने कि सरकार दूरदर्शिता से काम कर है। हम उत्पादन बढ़ाएंगे, लागत कम करेंगे, लाभकारी मूल्य प्रदान करेंगे, नुकसान के लिए मुआवजे की पेशकश करेंगे और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देंगे ताकि किसानों की आय बढ़ जाए किऔर ऋण माफी की आवश्यकता न हो।
पिछले कई महीनों से चल रहे किसान आन्दोलनों को देखते हुए भारत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) चर्चा में है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) आधारित खरीद प्रणाली का उद्देश्य फसलों को प्रभावित करने वाले अनियंत्रित कारकों जैसे मानसून, बाजार एकीकरण की कमी, सूचनाओं की कमी और कृषि को प्रभावित करने वाली अन्य बाजार संबंधित कमियों के कारण होने वाली कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाना है। केंद्र सरकार के कृषि लागत और मूल्य आयोग द्वारा चिन्हित गई प्रमुख समस्याओं की उपयुक्त जांच करने के बाद भारत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित की जाती है।
सरकार वर्तमान में 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करती है, लेकिन कानूनी रूप से उनका भुगतान आवश्यक नहीं है जब तक उन उत्पादों का खुले बाजार की दरें उत्पादों की घोषित न्यूनतम कीमतों से कम न हों।सरकार के संकल्प किसानों और कृषि में सतत विकास सुनिश्चित करने को दोहराते हुए व्यापक चर्चा समाप्त की।
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