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व्हाट्सएप घोटाले के सन्दर्भ मे दूरसंचार नियामक भारत सरकार से अलार्म कॉल

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ( मेटा) ने व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स से मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर होने वाले घोटालों को रोकने के लिये भारत के दूरसंचार नियामक से हस्तक्षेप का अनुरोध ।

कानपुर 6 दिसंबर, 2024,

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ( मेटा) ने व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स से मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर होने वाले घोटालों को रोकने के लिये भारत के दूरसंचार नियामक से हस्तक्षेप का अनुरोध व निर्देश दिया है । 

मेटा सचिव एस कृष्णन के अनुसार, मंत्रालय मेटा के साथ इस प्रकरण पर निरन्तर सम्पर्क मे सक्रिय है। "यह एक सतत प्रक्रिया है। घोटालेबाज नए तरीके खोजेगे, उनका निवारण आवश्यक है। सरकार शेयर होल्डरो, व्हाट्सएप के साथ नियमित रूप से चर्चा कर रहा है और उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहने और व्हाट्सएप के प्रकरणो की शिकायत पंजीक्रत करने की आवश्यकता है । अगर गलत सामग्री है तो प्रक्रिया होनी चाहिये । आईटी नियमों के अनुसार इन कंपनियों के पास एक शिकायत अधिकारी होना चाहिए जिसके पास उपयोगकर्ता मुद्दे उठा सकते हैं। वे इसे ऐप के माध्यम से भेज सकते हो । यदि समस्या का समाधान न हो तो शिकायत का निस्तारण अपील समिति मे हो ।

ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी के अनुसार भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने MeitY को निर्देशित किया कि वह व्हाट्सएप का उपयोग करके धोखाधड़ी करने वालों द्वारा भेजे गए कॉल और संदेशों की जांच करे और उन्हें रोकने के लिए कदम उठाए। "वर्तमान में, व्हाट्सएप कॉल पर MeitY द्वारा नियन्त्रणाधीन है, इसलि मंत्रालय को लिखा है कि ट्राई पहले से ही वॉयस कॉल और एसएमएस के संबंध में काम कर रहा है, और उनसे उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

WhatsApp, Signal and Telegram के साथ न्याय क्षेत्र की समस्या

व्हाट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ओटीटी ऐप्स नियामक अनुपालन के मामले में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग के अधीन नही है । वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (मेइटी) के अधीन हैं । दूरसंचार नियामक, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (मेइटी) से यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बना रहा है कि स्पैम और फिशिंग संचार की बढ़ती घटनाएं ओवर-द-टॉप (ओटीटी) ऐप्स, जैसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम मे तेजी से बढ़ रहे है ।
दूरसंचार अधिकारी के अनुसार व्हाट्सएप कुछ दूरसंचार विभाग के साथ सहयोग कर रहा है और सरकार द्वारा दिये गए नंबरों को ब्लॉक कर रहा है, टेलीग्राम और सिग्नल पर कोई स्पष्ट नियंत्रण नहीं है ऐसे प्लेटफार्मों को धोखाधड़ी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। व्हाट्सएप का प्रकरण विशिष्ट है । क्याकि भारत मे इसके सर्वाधिक उपभोक्ता है ।

Airtel, Reliance Jio और Vodafone-Idea के सामने बड़ी OTT घोटाले की समस्या

टेलीकॉम ऑपरेटर - एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया - ओटीटी प्लेटफार्मों पर बढ़ते स्पैम के प्रकरणो को संज्ञान मे ला रहे है। और समस्या को नियंत्रित करने के सभी उपाय ओटीटी पर काम नहीं करते क्योंकि उन्हें न तो डॉट द्वारा और न ही ट्राई द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
जब नियामक टेल्कोस से स्पैम के लिए नंबरों को ब्लॉक करने के लिए कहता है, तो उनके संबंधित ओटीटी नंबरों को भी ब्लॉक करना पड़ता है। परन्तु टेल्कोस ऐसा नहीं कर सकते, इसलिए नंबरों को ब्लॉक करने के लिए डॉट द्वारा व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों को प्रदान किया जाता है, जिन्हें इसे अपने स्तर पर करना होता है। लेकिन टेल्कोस के विपरीत, ओटीटी प्लेटफार्मों पर नंबरों को ब्लॉक करने के लिए किसी लाइसेंस द्वारा बाध्य नहीं हैं। इसके अलावा, ऐसे अंतरराष्ट्रीय नंबर भी हैं, जिनसे स्पैम आना जारी है और टेल्कोस के पास इसका कोई नियंत्रण नहीं है।

 धोखेबाज़ ओटीटी ऐप्स पर उपयोगकर्ताओं को कैसे ठगते हैं

धोखेबाज़ों ने वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए व्हाट्सएप का दुरुपयोग करते है । स्क्रीन शेयर करने के लिए काहा जाता है ।और स्मार्टफोन से दूर रह कर व्यक्तिगत डेटा चुरा लेते है । अन्य मामलों में बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए एक बार का पासवर्ड (OTP) मांगते है । 

Electronics and Information Technology (MeitY)) भारत के केंद्र सरकार की स्चयत्तशासी कार्यकारी संस्था है। यह संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ही विभाजित कर निर्मित एक स्वतन्त्र मन्त्रालय-स्तरीय संस्था है जो 19 जुलाई 2016 को बनाई गई थी। यह आईटी नीति, रणनीति और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के विकास की योजना व नियन्त्रण करती  है।

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