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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गाज़ीपुर में दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर एक पुलिस से पूछा, "मैं संभल क्यों नहीं जा सकता," राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को गाज़ीपुर में रोका


कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अनुसार विपक्ष के नेता के रूप  में दौरा करना और प्रभावित परिवारों से बात करना उनका अधिकार और कर्तव्य है  ।

नई दिल्ली  4 दिसंबर, 2024

उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर की हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने जाने पर रोके जाने पर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप दौरा करना और प्रभावित परिवारों से बात करना उनका अधिकार और कर्तव्य है ।




"वहां जाने का मेरा अधिकार है। विपक्ष के नेता को जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है?" श्री गांधी पुलिस अधिकारी से पूछते हैं। "क्या मैं कानून और व्यवस्था को बाधित करने जा रहा हूँ?" । पुलिस के अनुसार "स्थिति संवेदनशील) है।" कांग्रेस नेता जवाब देते हैं, "मैं पुलिस के साथ चुपचाप जाऊँगा और वापस आ जाऊँगा। मैं अकेला जा रहा हूँ।"
श्री गांधी के साथ सांसद बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और कई कांग्रेस सांसद थे जब पुलिस ने उन्हें गाज़ीपुर में रोका। कांग्रेस नेताओं ने पुलिसकर्मियों से 4-5 लोगों के प्रतिनिधिमंडल को जाने की अनुमति देने का आग्रह किया। पुलिस ने मना कर दिया। श्री गांधी के अकेले जाने को भी मना कर नेताओं को वापस लौटने को कहा गया। विपक्ष के नेताओं ने श्री गांधी को संभल जाने से रोकने के सरकार के निर्णय की निंदा की। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में सरकार के निर्णय पर वॉकआउट किया।
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेताओं पर "फोटो खीच यात्रा का नाम दिया । एक भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रश्न किया यह श्री गांधी ने बंगाल के सन्देशखली का दौरा क्योनहीं नही किया, यह "राजनीतिक नाटक" है ।।
श्री गांधी ने कहा, "संभल में हिंसा हुई। लोग मारे गए। हम देखना चाहते थे कि क्या हुआ, लेकिन पुलिस ने हमें जाने नहीं दिया।"
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल मे शहर में पुलिस के साथ हिंसक झड़पों में चार लोगों की हत्या और कई अन्य घायल होने के बाद निषेधात्मक आदेश लागू हैं। शाही जामा मस्जिद के कोर्ट द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान यह हिंसा हुई। कुछ याचिकाओं में दावा किया गया है कि इसे हिंदू मंदिर पर बनाया गया था। स्थानीय सांसद जिया उर रहमान, विधायक महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और 700 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ हिंसा के आरोप में दर्ज प्राथमिकी हैं। पुलिस और प्रशासन के अनुसार वे बाहरी लोगों को क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं है। कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण निषेधात्मक आदेशों को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।

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