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स्वर्ण मंदिर में सेवा के दौरान सुखबीर बादल की हत्या की कोशिश शूटर नारायण सिंह के खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्बर खालसा के साथ संबंध

स्वर्ण मंदिर परिसर मे शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोलियां चलाई गईं।

पंजाब: अमृतसर  4 दिसंबर, 2024 

पंजाब: अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसरमे शिरोमणि अकाली दल के पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल  पर गोलियां चलाई गईं  वह 2  दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा उनके लिए घोषित धार्मिक दंड के तहत सेवा कर रहे थे गोलियां चलाई गईं।







आज सुबह करीब नौ बजे यह घटना हुई, आज सुबह जब शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल बादल अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर पैर टूटने व पलास्टर चढा होने के कारण व्हीलचेयर पर एक हाथ में भाला लेकर सेवादार की पोशाक नीले रंग की सेवादार वर्दी पहने हुये सेवादारों के स्थान पर पहुंचे थे।
पुलिस के अनुसार हमलावर नारायण सिंह एक पूर्व आतंकवादी ने बुधवार 4 दिसंबर, 2024 को  स्वर्ण मंदिर के बाहर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोली चला दी है, हमलावर अमृतसर से करीब 75 किलोमीटर दूर का निवासी है । घटनास्थल के दृश्यों में वह धीरे-धीरे गेट की ओर आते दिख रहा हैं। फिर वह जल्दी से  बंदूक निकालता है। श्री बादल के पास खड़ा एक व्यक्ति  उसे देख लेता है और उसका हाथ पकड़ता है। हमलावर ने गोली चला देता है ।  श्री बादल और उसके पास के अन्य लोग हमलावर को पकड लेते है । पुलिस हमले के  मकसद की जांच कर रही है।
 बादल ने  2007 के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दी गई क्षमा, 2015 में बरगाड़ी गांव में 'गुरु ग्रंथ साहिब' की बेअदबी में शामिल लोगों को सजा देने में  सरकार की विफलता कीं गलतियां स्वीकारी थी 
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने 2 दिसंबर को सुखबीर सिंह बादल और कई अन्य अकाली दल नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई थी पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री 62 वर्षीय बादल पंजाब में 2007 से 2017 शिअद के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा थे और कार्यकाल मे की गयी गलतियो के लिये उन्हें 'तंखैया' या धार्मिक कदाचार का दोषी पाया गया था. प्रायश्चित के रूप में सेवा देने भक्तों के बर्तन और जूते साफ करने सहित विभिन्न कर्तव्यों का पालन करने जिम्मेदारी निभाने के लिये जा रहे थे रहे हैं। श्री बादल इस घटना में बाल-बाल बच गए, सुरक्षा कर्मियों और श्री बादल के करीब मौजूद लोगों ने हमलावर को पकडकर नियन्त्रण मे किया ।

हमला पंजाब में उदारवादी युग को समाप्त करने की साजिश : पूर्व सांसद नरेश गुजराल

बादल सुरक्षित हैं और हमला वर नारायण सिंह चौरा को पकड़ लिया गया है, लेकिन यह हमला पंजाब की कानून व्यवस्था पर काला निशान है। पंजाब में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है. "यह दुर्भाग्यपूर्ण है हम ईश्वर के शुक्रगुजार हैं कि सुखबीर बादल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। हमारी पार्टी बार-बार कह रही है कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। सरकार विफल है।" और कुछ नहीं किया जा रहा है। आप स्वर्ण मंदिर के द्वार पर हमला देख सकते हैं,'' मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हू कि पंजाब कहां जा रहा है यह हमला राज्य में व्याप्त कानून और व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए,
हमला की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिये । हमें राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है। अकाली दल के नेतृत्व को समाप्त करने की सजिश की जा रही है । घटना के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने की आवश्यकता है।

अकाल तख्त के जत्थेदार ने हमले की कड़ी निंदा 

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर हुए 'जानलेवा' हमले की कड़ी निंदा की उन्होंने कहा, जब बादल सेवा कर रहे थे, तब जानलेवा हमला हुआ. सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता के कारण गोली उन्हें नहीं लगी। यह सुखबीर बादल पर हमला नहीं है, यह स्वर्ण मंदिर के बाहर अपनी ड्यूटी कर रहे सेवादार पर हमला है। उन्होंने कहा, ''हम घटना की कड़ी निंदा करते हैं और पंजाब सरकार से मामले की गहन जांच करने को कहते हैं कि घटना के पीछे कौन है।
अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर के अनुसार सतर्क पुलिस अधिकारी रिशपाल सिंह, जसबीर और परमिंदर सिंह हमले को नाकाम करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा, 'नारायण सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. हमने मामला दर्ज कर लिया है और सभी कोणों से घटना की जांच की जा रही है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
स्वर्ण मंदिर में पुलिसकर्मियों की तैनाती एक चुनौतीपूर्ण काम है। हम धार्मिक भावनाओं के कारण वर्दी में पुलिसकर्मियों को तैनात नहीं कर सकते। तलाशी लेना भी मुश्किल है। हमने वही किया जो संभव था और परिणाम बताता है कि हम तैयार थे। मैं तैनात पुलिसकर्मियों को बधाई देता हूं।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, नारायण सिंह के खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्बर खालसा से संबंध हैं। उसे 2004 के बुड़ैल जेल तोडने का मास्टरमाइंड है, जिसमें चार कैदी 94 फुट लंबी सुरंग खोदकर जेल से भाग गए थे। इन चार कैदियों में बब्बर खालसा प्रमुख जगतार सिंह हवारा, पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे परमजीत सिंह भेरा और जगतार सिंह तारा और देवी सिंह शामिल थे।

बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि स्वर्ण मंदिर के सेवादार पर हमला स्वर्ण मंदिर पर हमले के समान है. 

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी 

श्री बादल विनम्रतापूर्वक अपनी सजा काट रहे हैं। "यह बहुत दुखद है। यह भगवान की कृपा है कि उन्हें कोई चोट नहीं आई है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।"

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