अतुल सुभाष आत्महत्या जौनपुर की निकिता सिंघानिया द्वारा दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और न्यायिक प्रणाली की खामियों के लिए #JusticeForAtulSubhash और #MenToo हैशटैग रैली ।
कानपुर 10 दिसंबर, 2024
उत्तर प्रदेश के रहने वाले 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष सोमवार को बेंगलुरु के मराठाहल्ली के मुन्नेकोलालू ने घर पर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और संघर्षों का विवरण वाला वीडियो छोड़ा। उनके असामयिक निधन ने #MenToo आंदोलन को सुर्खियों में ला दिया है, क्योंकि सोशल मीडिया उपयोगकर्ता कानूनी और सामाजिक ढांचे में पुरुषों के कथित पूर्वाग्रहों का विरोध करने के लिए #JusticeForAtulSubhash और #MenToo हैशटैग रैली कर रहे हैं। सुसाइड नोट पत्नी निकिता सिंघानिया परिवार की संलिप्तता की चर्चा है । रीता कौशिक और एक्सेंचर के संबंधित आलेख लिंक्डइन और एक्स आदी पर प्रमुखता पर है ।
अतुल सुभाष, जो कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, ने अपनी पत्नी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनकी शादी 2019 में हुई थी, लेकिन बाद में दोनों के बीच मतभेद बढ़ने लगे और वह वापस अपने माता-पिता के घर जौनपुर लौट आई। निकिता ने अतुल और उसके परिवार के सदस्यों पर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए कुल 9 मुकदमे दर्ज किए1।
आत्महत्या के पहले, अतुल ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर आरोप लगाते कि उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया गया। वीडियो में न्यायाधिकारी रीता कौशिक का भी संदर्भ है।
अतुल ने एक 23 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उन्होंने पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों को अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने न्यायिक प्रणाली पर भी सवाल उठाए, यह भी कहा कि उनका माता-पिता और भाई कोर्ट के चक्कर काटने में परेशान हो चुके थे न्यायाधिकारी पर आरोप लगाया कि केस निपटाने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की रिश्वत मागी व उनकी बातों पर हंसी उड़ाई।
यह प्रकरण मीडिया व समाज मे चर्चा का विषय बन गया है। न्यायिक प्रणाली की खामियों पर सोचने के लिए मजबूर हैं। पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी और उसके परिवार वालों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।
सुभाष की मौत के बाद, पुलिस ने सुभाष के भाई विकास कुमार की शिकायतों के आधार पर सिंघानिया और परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उनके भाई ने कानूनी विवादों और ससुराल वालों के उपहास के कारण लगातार मानसिक और शारीरिक तनाव झेला, उन्होंने कहा, "हर बार जब अतुल अदालत की सुनवाई में शामिल होता था, तो उसका मजाक उड़ाया जाता था और कहा जाता था कि अगर वह पैसे नहीं चुका सकता तो मर जाएगा।"
सुभाष के सुसाइड नोट में पुरुषों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण पर प्रश्न उठाये है। "पुरुषों के कानूनी नरसंहार" और महात्पूर्ण पुनरीक्षण् की आवश्यकता का अनुरोध है । उन्होंने बच्चे की कस्टडी उनके माता-पिता को और पत्नी के परिवार को उनके अंतिम संस्कार से दूर रखा जाए का बयान दिया है ।
इस प्रकार, अतुल सुभाष प्रकरण विवाह के बाद के उत्पीड़न, मौजूदा न्यायिक प्रक्रिया की कमी और मानसिक स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव डालता है।
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