50 किलोग्राम के प्रति बैग 1,350 रुपये स्थिर कीमत
अतिरिक्त सब्सिडी को 31 दिसंबर, 2024 से विस्तारित
कीमत को अपरिवर्तित रखने में किसानों को राहत।
कानपुर 1 जनवरी 2025
नयी दिल्ली, 1 जनवरी 2025 बुधवार भारत सरकार ने प्रमुख उर्वरक डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की खुदरा कीमतों को 50 किलोग्राम के प्रति बैग 1,350 रुपये पर बनाए रखने के लिये अतिरिक्त सब्सिडी को 31 दिसंबर, 2024 से आगे विस्तारित किया ।
किसान कल्याण को केन्द्रित रखते हुए भारत सरकार ने डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की कीमत को अपरिवर्तित रखने में किसानों को बड़ी राहत है।
भारत सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के लिये ₹2,625 करोड़ के वित्तीय निहितार्थ ₹3,500 प्रति टन पर डीएपी एकमुश्त विशेष पैकेज की घोषणा की थी। यह पैकेज गैर-यूरिया पोषक तत्वों पर सरकार द्वारा तय पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के अतिरिक्त था।
भारत सरकार किसानों को उर्वरक निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से सब्सिडी वाले मूल्यों पर पीएएनडीके (फॉस्फेटिक और पोटाशिक) उर्वरक के 28 ग्रेड प्रदान करती है। पीएण्डके उर्वरकों पर राजसहायता 1 अपै्रल, 2010 से एनबीएस योजनाके अन्तर्गत अनुदानित होती है।
किसानों को स्थिर कीमत पर डीएपी उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अनुमोदित एनबीएस (पोषक तत्व आधारित सब्सिडी) के अलावा डीएपी पर विशेष पैकेज अनुदान है ।
भारत सरकार ने 2014-24 की अवधि के दौरान 11.9 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी प्रदान की है, जो 2004-14 की अवधि के लिए 5.5 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी के दोगुने से अधिक है।
बुधवार को, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जनवरी, 2025 से अगले आदेश तक किसानों को स्थिर कीमतों पर डीएपी की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ₹ 3,500 प्रति टन की दर से डीएपी पर एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी का निर्णय लिया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री के अनुसार किसानों को 1,350 रुपये प्रति बैग की दर से डीएपी मिलता रहेगा और अतिरिक्त व्यय भार भारत सरकार वहन करेगी। डीएपी उर्वरक के लिए 3,850 करोड़ रुपये तक के एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई है। डीएपी की वैश्विक बाजार कीमतें भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण अस्थिर हैं।
भारत सरकार किसानों को उर्वरक निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से सब्सिडी वाले मूल्यों पर पीएएनडीके (फॉस्फेटिक और पोटाशिक) उर्वरक के 28 ग्रेड प्रदान करती है। पीएण्डके उर्वरकों पर राजसहायता 1 अपै्रल, 2010 से एनबीएस योजनाके अन्तर्गत अनुदानित होती है।
भू-राजनीतिक और वैश्विक बाजार की अस्थिरता की स्थितियों के बावजूद,भारत सरकार ने खरीफ और रबी 2024-25 के लिए किसानों को स्थिर कीमतों पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करके किसान केन्द्रित दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता प्रर्दशित की है ।
भारत सरकार ने 2014 से 2024 की अवधि के दौरान किसानों को उर्वरक सब्सिडी के माध्यम से 11.9 लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। यह आंकड़ा 2004 से 2014 के बीच की अवधि में दी गई 5.5 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी से दोगुना से भी अधिक है।
भारत सरकार का यह कदम किसानों को बाजार की अस्थिरता से बचाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने के लिए उठाया गया है। इस सब्सिडी का उद्देश्य किसानों को सस्ते दाम पर उर्वरक उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी उत्पादन लागत में कमी आए।
भारत सरकार का लक्ष्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों को वित्तीय तनाव से राहत देना है। कृषि मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता में कोई बाधा न आए और वे उचित मूल्य पर आवश्यक कृषि संसाधन प्राप्त करे।
भारत सरकार की उर्वरक सब्सिडी नीतियाँ किसानों के कल्याण को केंद्र में रखते हुए कार्यान्वित की गई हैं, जो कि कृषि क्षेत्र में स्थिरता और देश के विकास को बढ़ावा दे रही हैं।
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