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भारतीय केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया को यमन के राष्ट्रपति ने 30 दिसंबर को एक महीने के भीतर फांसी को मंजूरी दी इस्लामी कानून के तहत रक्त धन के बदले माफी संभव

भारतीय केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया के मामले में

यमन के राष्ट्रपति ने 30 दिसंबर को एक महीने के भीतर फांसी को मंजूरी दी
उनकी मां की मदद के प्रयास पर
कानून और सरकार से कार्रवाई भविष्य के गर्भ मे है ।
इस्लामी कानून के तहत मौत रक्त धन के बदले  माफी  
कानपुर 1 जनवरी, 2025
नई दिल्ली 1 जनवरी, 2025 एक भारतीय केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया को यमन में हत्या के आरोप यमन के राष्ट्रपति राष्ट्रपति राशद अल-अलीमी ने केरल की एक नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा को सोमवार 30 दिसंबर को मंजूरी दे दी थी और उसे एक महीने के भीतर फांसी दी जानी है।जिसे 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।
उनकी मां, प्रेमा कुमारी, अपनी बेटी को इस सजा से बचाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा रही हैं।
विदेश मंत्रालय कानूनी और लॉजिस्टिक बाधाओं को दूर करके उनके परिवार का समर्थन व हर संभव मदद देने के लिए कदम उठाया है। उसकी जान बचाने के लिए अधिक खुलेपन और अंतर्राष्ट्रीय दबाव का बना रहा हैं।
."विदेश मंत्रालय ने मंगलवार के जारी एक बयान के अनुसार, "हम यमन में सुश्री निमिषा प्रिया की सजा से अवगत हैं। हम समझते हैं कि सुश्री प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों की खोज कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है।
यमनी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, केरल पलक्कड़ के कोलेनगोड की मूल निवासी नर्स निमिषा प्रिया शादीशुदा थी और उसका एक बच्चा था, वह 2011 में यमन चली गई थी। निमिषा ने 2012 में यमन में काम करना शुरू किया वहां यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी से मिली, उसकी सहायता से राजधानी सना में एक क्लिनिक स्थापित की। यमनी कानून के अनुपालन मे विदेशी स्थानीय सहयोगियों के साथ व्यवसाय शुरू कर सकते हैं ।
.प्रिया के अनुसार महदी उसे पैसे के लिए परेशान कर रहा था और उसका पासपोर्ट छीन लिया । दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर शारीरिक और भावनात्मक शोषण करते हुए उसके पति होने का दावा किया।
एक बयान के अनुसार विवाद में निमिषा ने तलाल अब्दो महदी को ओवरडोज बेहोशी की दवा देकर यमन के नागरिक को मार डाला। निमिषा के अनुसार उसका इरादा हत्या का नहीं था, बल्कि आत्मरक्षा में महदी के पास रक्खा अपना पासपोर्ट वपस लेना चाहती थी , महदी की हत्या के बाद डर गयी एक अन्य व्यक्ति की मदद से शरीर को टुकड़ों में काट कर घर में पानी की टंकी में फेंक दिया। उसे यमन से भागने का प्रयास करते समय गिरफ्तार किया गया था और 2018 में दोषी ठहराया गया था।
."प्रिया का परिवार और अधिवक्ता सेगठन उसकी जान बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी मां, प्रेमा कुमारी, "रक्त धन" के बदले में माफी के लिए महदी के परिवार और आदिवासी नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए जाना चाहती है । इस्लामी कानून के तहत, मौत की सजा पीड़ित का परिवार रक्त धन के बदले में अपराधी को माफ करने के लिए सहमत हो ।
भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त अधिवक्ता अब्दुल्ला अमीर ने बातचीत से पहले शुल्क 20,000 डॉलर बताया था सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल द्वारा जुटाए गए क्राउडफंड का एक हिस्सा $ 20,000 की पहली किस्त को निपटाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। जिसे बाद में उन्होंने दोगुना कर 40,000 डॉलर कर दिया। साल सितंबर में बातचीत में जुटाए गए क्राउडफंड की पारदर्शिता पर असहमति ने प्रकरण को जटिल
व अवरोध पैदा कर दिया ।
प्रेमा कुमारी, अपनी बेटी की सजा को रोकने के लिए यमन जाने की अनुमति मांग रही हैं। उनका प्रयास है कि वे 'ब्लड मनी' के माध्यम से पीड़ित परिवार के साथ समझौता करें, ताकि निमिषा की जान बच सके। हालांकि, यमन में यात्रा पर लगे प्रतिबंधों के कारण उन्हें यह अनुमति प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है,वे इस समय कानूनी सहायता प्रदान कर रहे हैं और उम्मीद है कि यह मामला सकारात्मक दिशा में बढ़ेगा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले पर केंद्र सरकार को निर्णय लेने के लिए समय दिया है। निमिषा की मां के अनुसार ब्लड मनी देने से उसकी बेटी की जान बचाने का एकमात्र उपाय है तलाल परिवार ने उन्हें माफ करने का निर्णय लिया, तो निमिषा की जान बचाई जा सकती है。
केरल पलक्कड़ के कोलेनगोड की मूल निवासी नर्स निमिषा प्रिया के मामले में समय समाप्त होने के साथ, प्रिया का भाग्य क्षमा पर बातचीत करने पर निर्भर करेगा। उनकी मां के मदद के प्रयास पर कानून और सरकार से क्या कार्रवाई होती है भविष्य के गर्भ मे है ।

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