कल्याणपुर थाने से गंभीर मुकदमों की केस डायरी गायब
प्रथम सूचना रिर्पोट 7 दारोगा सहित 9 पुलिस कर्मियो पर प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज
आरोपित पुलिसकर्मियों से जवाब भी मांगा गया है
पुलिस प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता के अभाव जिम्मेदारियों पर सवाल
कानपुर 2 जनवरी 2025प्रथम सूचना रिर्पोट 7 दारोगा सहित 9 पुलिस कर्मियो पर प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज
आरोपित पुलिसकर्मियों से जवाब भी मांगा गया है
पुलिस प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता के अभाव जिम्मेदारियों पर सवाल
कानपुर: 2 जनवरी 2025 कानपुर कल्याणपुर थाने से गंभीर मुकदमों की केस डायरी गायब होने की प्रथम सूचना रिर्पोट 7 दारोगा सहित 9 पुलिस कर्मियो पर दर्ज की गई है। थाने के हेड मुंशी द्वारा अभिलेखो के मिलान करने पर इन मुकदमों की केस डायरी अदालत में दाखिल नहीं की गई थी ।
प्रभारी निरीक्षक के अनुसार 11 में से 10 मामलों की डायरी अदालत में नहीं पहुंची थी। एक 16 वर्ष पुराने मुकदमे की केस डायरी को दोबारा अदालत से मांगा गया था वह नहीं थी।
कल्याणपुर थाने में वर्ष 2008 में तैनात रहे दरोगा रामचंद्र दोहरे को फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे की विवेचना दी गई थी। विवेचना पूरी होने के बाद केस डायरी दरोगा को न्यायालय में दाखिल करनी थी, लेकिन 16 साल बाद भी केस डायरी न तो न्यायालय पहुंचीं और न ही थाने में वापस की गई। केस डायरी गायब मिलीं हैं।
वर्ष 2010 में चेक बाउंस की विवेचनाउप निरीक्षक देवेन्द्र कुमार ने, वर्ष 2013 में विद्युत मीटर से छेड़छाड़ और फर्जी दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, साजिश की विवेचना उप निरीक्षक नरेन्द्र बहादुर सिंह ने, वर्ष 2014 में हत्या का प्रयास, गालीगलौज, मारपीट, धमकी, सेवन सीएलए की विवेचना उप निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने की थी केस डायरी गायब हैं।
नाबालिग को भगा ले जाने की जांच उप निरीक्षक प्रेमबाबू गोयल ने, लूट, छेड़खानी, एससीएसटी व आर्म्स एक्ट समेत अन्य मामले की विवेचना हेड पेशी पुष्पेन्द्र सिंह ने व चोरी के मामले की विवेचना उप निरीक्षक चन्द्र भान सिंह ने व अमानत में खयानत व धमकी के मामले की जांच उप निरीक्षक इम्तियाज अहमद ने की थी। इन मामलों की केस डायरी भी गायब हैं। इन सभी नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी कल्याणपुर को विवेचना सौंपी । एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय से विवेचनाकराई तो मामला सही पाया गया। डीसीपी ने बताया कि यह सभी केस डायरी वर्ष 2008 से 2021 तक दर्ज मुकदमों की हैं। सभी आरोपित पुलिसकर्मियों से जवाब भी मांगा गया है और विवेचना तेजी से चल रही है।
यह कानपुर पुलिस प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता के अभाव और उनकी जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल है ।
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