Hot Posts

20/recent/ticker-posts

उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर चल रही लूट बन्द होनी चाहिये ।अभिजीत सिंह सांगा विधायक

भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवा महत्वपूर्ण मुद्दा 
 यहां की जनसंख्या लगभग 30 करोड़ के आसपास
उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट
अभिजीत सिंह सांगा विधायक ने  मुख्यमंत्री को पत्र लिखा हैं।
कानपुर का रीजेंसी हॉस्पिटल अनियमितताओं की नजर पर नम्बर एक
कानपुर  30 जनवरी 2025
कानपुर  30 जनवरी 2025   आजकल रीजेंसी अस्पताल कानपुर  स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जुड़ी अनियमितताओं और विवादों के कारण चर्चा में है। भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट चल रही  के बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा हैं।
विधायक अभिजीत सिंह सांगा के अनुसार रीजेंसी हॉस्पिटल में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट चल रही है । अस्पताल लोगों की जान और स्वास्थ्य से जुडे होते है परन्तु इस तरह की गतिविधियां मरीजों के लिए समस्या और समाज में विश्वास खो  रही  है। स्थिति निश्चित  चिंताजनक है।
रीजेंसी हॉस्पिटल अस्पताल कानपुर के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्रों में से एक है। अनियमितताओं से इसकी छवि धूमिल हो रही है। अस्पताल के प्रशासन के साथ-साथ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और मरीजों से व्यवहार  भी चिंता का विषय है । अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं देने का उद्देश्य केवल लूट है?
कानपुर का रीजेंसी हॉस्पिटल का दृश्य प्रदेश और देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल हैं। देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एकजुट हों केन्द्र व प्रदेश सरकार को सचेत करे । हमारे अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाएँ। हम सभी र गंभीरता से विचार कर स्वस्थ और सुरक्षित समाज की स्थापना करे । भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं का विस्तार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यहां की जनसंख्या लगभग 30 करोड़ के आसपास है यह राज्य जनसंख्या व स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता के संदर्भ में विशेष महत्व रखता है। इस संदर्भ में, प्राइवेट अस्पतालों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
प्राइवेट अस्पतालों की संख्या का विस्तार पिछले कुछ दशकों में तेजी से हुआ है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित क्षमता और संसाधनों की कमी के कारण, लोगों ने प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख किया है। उत्तर प्रदेश में सैनिक, व्यवसायी, और औसत नागरिक सभी प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए बाध्य हैं। राज्य में विभिन्न प्रकार छोटे क्लीनिक से लेकर बड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्राइवेट चिकित्सा संस्थान हैं।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 5,000 से अधिक प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक स्थित हैं। इनमें से कई बड़े अस्पताल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जबकि कई छोटे अस्पताल स्थानीय समुदाय को तात्कालिक चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। प्राइवेट संस्थानों की संख्या में तेजी लाने के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता, सेवा और नैतिकता पर भी ध्यान आवश्यक है।
प्राइवेट अस्पतालों की संख्या बढ़ने से  सकारात्मक पहलुओं के साथ-साथ नकारात्मक पहलुओं की भी उपस्थिति है। एक ओर, मरीजों के लिए विविध विकल्प उपलब्ध हैं और विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। दूसरी ओर, प्राइवेट अस्पतालों की महंगी लागत और स्वास्थ्य सेवाओं में असमानता गंभीर मुद्दा है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लिए ये सेवाएं  उपलब्धता से दूर हैं।
उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों की संख्या एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा संसाधन के रूप में उभरी है। यह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के संकेत के साथ ही संतोषजनक सेवा, नैतिकता और सबके लिए समानता पर ध्यान केंद्रित करना भी अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार, राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को संतुलित और समग्र रूप से विकसित करने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा।
विधायक ने अपने पत्र में  मांग की  है कि उच्चस्तरीय जांच करा जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर सजा दी जाये। विधायक का  पत्र मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए आशा की किरण है, जागरूक लोगो की आवाज बदलाव की ब्यार लाती है ।
उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट चल रही लूट बन्द होनी चाहिये ।

Post a Comment

0 Comments