डॉ. एस.एन. साबत यूपीएसएसएससी अध्यक्ष नियुक्त
1990 बैच के आईपीएस अधिकारी
नियुक्ति पांच वर्ष के लिए
नियुक्ति पांच वर्ष के लिए
यूपी की ग्रुप सी से और डी तक सभी भर्तियों की जिम्मेदारी आयोग के पास
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सम्मानित किया था.
कानपुर 3 जनवरी 2025
लखनऊ: 3 जनवरी 2025 उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का पद जुलाई 2022 से खाली था, जब पूर्व अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था[. नियुक्ति के समय एसएन साबत के साथ अवकाश प्राप्त आईपीएस अधिकारी सुभाष सिंह बघेल और कौशांबी के सुरेश चंद्र को आयोग का सदस्य बनाया गया है.पूर्व आईएएस अधिकारी प्रवीण कुमार के इस्तीफा देने के बाद से यूपीएसएसएससी भर्तियां रुकी पड़ी हैं या कोर्ट में पेंडिंग हैं, विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर भी रहता है.
यूपीएसएसएससी अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण है. यूपी की ग्रुप सी से और डी तक सभी भर्तियों की जिम्मेदारी आयोग के पास रहती है. ऐसे में समय से भर्ती कराना और पारदर्शिता से हो, ये बड़ी जिम्मेदारी डॉ. एस.एन. साबत पर होगी.
यह पहली बार है जब आईपीएस अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया गया है, सामान्यतः इस पद पर पूर्व आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति होती रही है।
सत्य नारायण साबत से उम्मीद की जा रही है कि नियुक्ति प्रक्रियाओं में तेजी व पारदर्शिता आयेगाी।आयोग की कार्यवाही तेज होगी और प्रभावी ढंग से प्रक्रियाओं का संचालन होगा। उनका अनुभव और प्रशासनिक कौशल संभावित तौर पर आयोग के कार्यों में योगदान देगा.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सम्मानित किया था.
कानपुर 3 जनवरी 2025
लखनऊ: 3 जनवरी 2025 उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का पद जुलाई 2022 से खाली था, जब पूर्व अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था[. नियुक्ति के समय एसएन साबत के साथ अवकाश प्राप्त आईपीएस अधिकारी सुभाष सिंह बघेल और कौशांबी के सुरेश चंद्र को आयोग का सदस्य बनाया गया है.पूर्व आईएएस अधिकारी प्रवीण कुमार के इस्तीफा देने के बाद से यूपीएसएसएससी भर्तियां रुकी पड़ी हैं या कोर्ट में पेंडिंग हैं, विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर भी रहता है.
यूपीएसएसएससी अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण है. यूपी की ग्रुप सी से और डी तक सभी भर्तियों की जिम्मेदारी आयोग के पास रहती है. ऐसे में समय से भर्ती कराना और पारदर्शिता से हो, ये बड़ी जिम्मेदारी डॉ. एस.एन. साबत पर होगी.
यह पहली बार है जब आईपीएस अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया गया है, सामान्यतः इस पद पर पूर्व आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति होती रही है।
सत्य नारायण साबत से उम्मीद की जा रही है कि नियुक्ति प्रक्रियाओं में तेजी व पारदर्शिता आयेगाी।आयोग की कार्यवाही तेज होगी और प्रभावी ढंग से प्रक्रियाओं का संचालन होगा। उनका अनुभव और प्रशासनिक कौशल संभावित तौर पर आयोग के कार्यों में योगदान देगा.
यूपी सरकार ने एसएन साबत को महत्वपूर्ण भूमिका सौंपते हुए उनकी क्षमताओं का सदउपयोग करने का प्रयास किया है । यूपीएसएससी के कार्यों में भविष्य में सुधार और रिक्तियों को भरे जाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी.
यूपीएसएसएससी अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण है. यूपी की ग्रुप सी से और डी तक सभी भर्तियों की जिम्मेदारी आयोग के पास रहती है. ऐसे में समय से भर्ती कराना और पारदर्शिता से हो, ये बड़ी जिम्मेदारी डॉ. एस.एन. साबत पर होगी.
यूपीएसएसएससी अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण है. यूपी की ग्रुप सी से और डी तक सभी भर्तियों की जिम्मेदारी आयोग के पास रहती है. ऐसे में समय से भर्ती कराना और पारदर्शिता से हो, ये बड़ी जिम्मेदारी डॉ. एस.एन. साबत पर होगी.
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