पटाखा फैक्ट्री में भीषण बॉयलर विस्फोट सुबह लगभग 9:15 बजे
21 मजदूरों की जान गईफायर ब्रिगेड को बुझाने में 5 से 6 घंटे लगे
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया
मृतकों के परिवारों को सहायता राशि की घोषणा
फैक्ट्री के पास केवल पटाखे बेचने का लाइसेंस वह पटाखे बनाने का कार्य कर रही थी
कानपुर 2, अप्रैल, 2025
1, अप्रैल, 2025 बनासकांठा गुजरात सोशल मीडिया पोस्ट से
Aaj Tak 2 घंटे
गुजरात में बनासकांठा जिले के डीसा में पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट से अब तक 20 मजदूरों की मौत हो चुकी है. वहीं इस घटना पर कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवानी व कांग्रेस विधायक और लालजी देसाई, कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष ने कहा, इस ब्लास्ट की जांच के लिए एसआईटी गठित की जानी चाहिए और मृतकों को मुआवजा दिया जाना चाहिए
Deepak Tripathi Journalist 3 घंटे ·
गुजरात पटाखा फैक्ट्री हादसा: बॉयलर विस्फोट ने छीनी 21 जिंदगियां,
MP हरदा-देवास में मातम, मलबे में दबी उम्मीदें
गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में मंगलवार, 1 अप्रैल 2025 की सुबह 8 बजे एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण बॉयलर विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस हादसे में मध्य प्रदेश के 21 मजदूरों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर हरदा जिले के हंडिया और देवास जिले के संदलपुर गांव के निवासी थे।
आग पर काबू पाने में लगे 6 घंटे
विस्फोट के बाद फैक्ट्री में लगी आग इतनी भयानक थी कि फायर ब्रिगेड को इसे बुझाने में 5 से 6 घंटे लग गए। दमकल की दर्जनों गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक बहुत कुछ जलकर खाक हो चुका था। मलबे से मजदूरों को निकालने के लिए राहत और बचाव दल दिनभर जुटा रहा। डीसा की एसडीएम नेहा पांचाल ने बताया, "घायलों को तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन लोग 40 प्रतिशत से ज्यादा झुलस गए हैं और उनकी हालत नाजुक है। पांच अन्य को मामूली चोटें हैं।" उन्होंने कहा कि मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
हितेंद्र पिथादिया @HitenPithadiya 6h
बनासकांठा के डीसा जीआईडीसी में अवैध रूप से संचालित एक पटाखा फैक्ट्री और गोदाम में लगी भीषण आग ने 21 से अधिक मजदूरों की जान ले ली है, और मृतकों की संख्या में अभी भी वृद्धि की आशंका बनी हुई है। हमेशा की तरह, इस बार भी मुख्यमंत्री ने महज 4 लाख रुपये का मुआवजा घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। जब उनके बेटे की बीमारी का सवाल आया था, तो लाखों रुपये खर्च कर उनकी जान बचाई गई—यह निश्चित रूप से सराहनीय था। लेकिन जब बात एक आम आदमी की जान की आती है, तो गुजरात सरकार केवल चार लाख रुपये देकर मामले को रफा-दफा कर देती है। यह कोई पहला अग्निकांड नहीं है। इससे पहले हुए हादसों में भी पीड़ित आज तक न्याय के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में, इस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय मिलेगा या नहीं, यह एक बड़ा और गंभीर सवाल है।
आकाशवाणी समाचार @AIRNewsHindi
#गुजरात में बनासकांठा जिले के दीसा में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 10 से अधिक लोग मारे गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार फैक्ट्री में हुए एक धमाके के कारण आग लग गई। इस कारण इमारत के कुछ हिस्से ढह गए और कई श्रमिक मलबे में फंस गए।
गुजरात के बनासकांठा जिले के दीसा में एक पटाखा फैक्ट्री में भयानक आग लगने से कई मजदूरों की मौत हो गई है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस घटना में 18 से 21 लोगों के मारे जाने की खबरें हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
बनासकांठा गुजरात 1 अप्रैल 2025 को सुबह लगभग 9:15 बजे हुई, जब फैक्ट्री में काम चल रहा था। बॉयलर में एक जोरदार विस्फोट के कारण आग लगी और इसके परिणामस्वरूप फैक्ट्री की दीवारें और स्लैब ढह गए. इस घटना के बाद, कई श्रमिक मलबे में फंसे हुए थे, जिसके कारण बचाव कार्य में कठिनाइयाँ आई.
बनासकांठा के कलेक्टर मिहिर पटेल के अनुसार मरने वाले सभी मजदूर मध्य प्रदेश के थे। डीएनए सैंप्लिंग के माध्यम से मृतकों की पहचान की जा रही है. इसके अलावा, घटनास्थल पर चार श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
सहायता के लिए पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू हुए. घटनास्थल पर राहत कार्य जारी है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों को सहायता राशि की घोषणा की.
यह दर्दनाक उद्योगिक दुर्घटना सुरक्षा नियमों की अनदेखी है। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, फैक्ट्री के पास केवल पटाखे बेचने का लाइसेंस था लेकिन यह पटाखे बनाने का कार्य कर रही थी. स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
1, अप्रैल, 2025 बनासकांठा गुजरात सोशल मीडिया पोस्ट से
Aaj Tak 2 घंटे
गुजरात में बनासकांठा जिले के डीसा में पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट से अब तक 20 मजदूरों की मौत हो चुकी है. वहीं इस घटना पर कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवानी व कांग्रेस विधायक और लालजी देसाई, कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष ने कहा, इस ब्लास्ट की जांच के लिए एसआईटी गठित की जानी चाहिए और मृतकों को मुआवजा दिया जाना चाहिए
Deepak Tripathi Journalist 3 घंटे ·
गुजरात पटाखा फैक्ट्री हादसा: बॉयलर विस्फोट ने छीनी 21 जिंदगियां,
MP हरदा-देवास में मातम, मलबे में दबी उम्मीदें
गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में मंगलवार, 1 अप्रैल 2025 की सुबह 8 बजे एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण बॉयलर विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस हादसे में मध्य प्रदेश के 21 मजदूरों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर हरदा जिले के हंडिया और देवास जिले के संदलपुर गांव के निवासी थे।
आग पर काबू पाने में लगे 6 घंटे
विस्फोट के बाद फैक्ट्री में लगी आग इतनी भयानक थी कि फायर ब्रिगेड को इसे बुझाने में 5 से 6 घंटे लग गए। दमकल की दर्जनों गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक बहुत कुछ जलकर खाक हो चुका था। मलबे से मजदूरों को निकालने के लिए राहत और बचाव दल दिनभर जुटा रहा। डीसा की एसडीएम नेहा पांचाल ने बताया, "घायलों को तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन लोग 40 प्रतिशत से ज्यादा झुलस गए हैं और उनकी हालत नाजुक है। पांच अन्य को मामूली चोटें हैं।" उन्होंने कहा कि मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
हितेंद्र पिथादिया @HitenPithadiya 6h
बनासकांठा के डीसा जीआईडीसी में अवैध रूप से संचालित एक पटाखा फैक्ट्री और गोदाम में लगी भीषण आग ने 21 से अधिक मजदूरों की जान ले ली है, और मृतकों की संख्या में अभी भी वृद्धि की आशंका बनी हुई है। हमेशा की तरह, इस बार भी मुख्यमंत्री ने महज 4 लाख रुपये का मुआवजा घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। जब उनके बेटे की बीमारी का सवाल आया था, तो लाखों रुपये खर्च कर उनकी जान बचाई गई—यह निश्चित रूप से सराहनीय था। लेकिन जब बात एक आम आदमी की जान की आती है, तो गुजरात सरकार केवल चार लाख रुपये देकर मामले को रफा-दफा कर देती है। यह कोई पहला अग्निकांड नहीं है। इससे पहले हुए हादसों में भी पीड़ित आज तक न्याय के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में, इस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय मिलेगा या नहीं, यह एक बड़ा और गंभीर सवाल है।
आकाशवाणी समाचार @AIRNewsHindi
#गुजरात में बनासकांठा जिले के दीसा में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 10 से अधिक लोग मारे गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार फैक्ट्री में हुए एक धमाके के कारण आग लग गई। इस कारण इमारत के कुछ हिस्से ढह गए और कई श्रमिक मलबे में फंस गए।
गुजरात के बनासकांठा जिले के दीसा में एक पटाखा फैक्ट्री में भयानक आग लगने से कई मजदूरों की मौत हो गई है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस घटना में 18 से 21 लोगों के मारे जाने की खबरें हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
बनासकांठा गुजरात 1 अप्रैल 2025 को सुबह लगभग 9:15 बजे हुई, जब फैक्ट्री में काम चल रहा था। बॉयलर में एक जोरदार विस्फोट के कारण आग लगी और इसके परिणामस्वरूप फैक्ट्री की दीवारें और स्लैब ढह गए. इस घटना के बाद, कई श्रमिक मलबे में फंसे हुए थे, जिसके कारण बचाव कार्य में कठिनाइयाँ आई.
बनासकांठा के कलेक्टर मिहिर पटेल के अनुसार मरने वाले सभी मजदूर मध्य प्रदेश के थे। डीएनए सैंप्लिंग के माध्यम से मृतकों की पहचान की जा रही है. इसके अलावा, घटनास्थल पर चार श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
सहायता के लिए पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू हुए. घटनास्थल पर राहत कार्य जारी है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों को सहायता राशि की घोषणा की.
यह दर्दनाक उद्योगिक दुर्घटना सुरक्षा नियमों की अनदेखी है। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, फैक्ट्री के पास केवल पटाखे बेचने का लाइसेंस था लेकिन यह पटाखे बनाने का कार्य कर रही थी. स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
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