शिवदीप वामनराव लाण्डे (बिहार: 2006) काम्या मिश्रा (बिहार: 20019) के अधिकारी गणो का भारतीय पुलिस सेवा से त्यागपत्र

काम्या मिश्रा 22 वर्ष की आयु में पहले प्रयास में 2019 में यूपीएससी परीक्षा में 172वीं रैंक
काम्या ने लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक की डिग्री और साथ ही 12वीं में 98% अंक प्राप्त
भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी काम्या मिश्रा ने 19 सितंबर 2024 को इस्तीफा
भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी शिवदीप वामनराव लाण्डे ने 5 अगस्त 2024 को इस्तीफा
भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी काम्या मिश्रा 5 अगस्त 2024 को इस्तीफा
लाण्डे और मिश्रा का इस्तीफा व्यक्तिगत यात्रा का अंत नहीं नए युग की शुरुआत

कानपुर 2, अप्रैल , 2025
2, अप्रैल , 2025 बिहार की 'लेडी सिंघम' के नाम से पहचान प्राप्त काम्या मिश्रा महज 22 वर्ष की आयु में पहले प्रयास में 2019 में यूपीएससी परीक्षा में 172वीं रैंक हासिल कर भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुईं। उनका जन्म ओडिशा में हुआ था .
काम्या ने अपनी सेवा की शुरुआत हिमाचल प्रदेश से आरम्भ कर बिहार कैडर में चली गईं। उन्हें दरभंगा में ग्रामीण एसपी के रूप में तैनात किया गया और इस पद में रहते हुए उन्होंने विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता के हत्या मामले की जांच सहित कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया था.
काम्या मिश्रा ने 28 वर्ष की आयु में निजी कारणों का अपनी मां-पिता की अकेली संतान होने का भी हवाला देते हुए 5 अगस्त 2024 को अपना इस्तीफा पुलिस मुख्यालय को प्रस्तुत किया, जिसे मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी. इस्तीफे का मुख्य कारण बताया गया कि वे परिवार की प्राथमिकताओं को संभालने में असमर्थ थीं.इस वजह से वह अगस्त 2024 से ही छुट्टी पर चली गई थीं।
काम्या ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी और साथ ही 12वीं में 98% अंक प्राप्त किए थे. उनके पति अवदेष सरोज भी आईपीएस अधिकारी हैं और दोनों ने 2021 में शादी की थी। अवदेष भी बिहार कैडर के 2019 बैच के आईपीएस हैं.
पूर्व मे गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आईपीएस शिवदीप वामनराव लाण्डे (बिहार: 2006) के भारतीय पुलिस सेवा से त्यागपत्र को दिनांक 13 जनवरी 2025 को स्वीकार किया गया था। बिहार कैडर के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी शिवदीप वामनराव लाण्डे ने 19 सितंबर 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस्तीफा देने के पीछे निजी कारण बता लिखा था कि ‘मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षों से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी वर्षों में मैंने बिहार को खुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है. अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं. मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (आईपीएस) से त्यागपत्र दिया है, परंतु मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी।
शिवदीप वामनराव लाण्डे और काम्या मिश्रा का इस्तीफा व्यक्तिगत जीवन व पुलिस में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, वे कुशल और प्रभावशाली अधिकारी गणो का कार्यकाल कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण रहा था
शिवदीप वामनराव लाण्डे और काम्या मिश्रा का इस्तीफा: एक महत्वपूर्ण परिवर्तन
शिवदीप वामनराव लाण्डे और काम्या मिश्रा का इस्तीफा भारतीय पुलिस सेवा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत है। दोनों अधिकारियों ने अपनी कुशलता और प्रभावशीलता के माध्यम से कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका कार्यकाल न केवल पुलिसिंग की नई परिभाषा को स्थापित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच संतुलन कितना महत्वपूर्ण होता है।
लाण्डे और मिश्रा की विदाई एक विचारशील संकेत है कि भारतीय पुलिस सेवा में सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता है। यह ऐसे समय में हुआ है, जब समाज में लगातार बढ़ते अपराध और सुरक्षा के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, एक नई दृष्टिकोण की आवश्यकता महसूस हो रही है। इन अधिकारियों का इस्तीफा यह दर्शाता है कि मौजूदा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है, और संभवतः यह आने वाले दिनों में अन्य कुशल और प्रभावशील अधिकारीयों के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करेगा।
भविष्य में ये अधिकारी किस दिशा में आगे बढ़ते यह देखना महत्वपूर्ण होगा हैं। उनके इस्तीफे से उत्पन्न रिक्तता को भरने के लिए प्रणाली में नए विचार और दृष्टिकोण का समावेश कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक हो सकता है। भारत की पुलिस सेवा में नवीनतम विचारों और टेक्नोलॉजी का समावेश पुलिसिंग को अधिक प्रभावी बना जनता का भरोसा भी पुनर्स्थापित कर सकता है।
लाण्डे और मिश्रा का इस्तीफा उनकी व्यक्तिगत यात्रा का अंत नहीं नए युग की शुरुआत का संकेत है। यह स्पष्ट है कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखना वर्तमान समय में जितना जरूरी है, उतना ही महत्वपूर्ण है कि हम उन कौशल और दृष्टिकोणों को अपनाएं जो आगे जाकर इसके लिए सहायक सिद्ध हो सकें।

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