कांग्रेस राज्यसभा सदस्य नीरज डांगी: भारत में बैंकिंग सुरक्षा और बीमा सीमा को बढ़ा 5 लाख रुपये की सीमा वर्तमान में काफी कम

 बैंक का लाइसेंस रद्द या दिवालिया होता है, तो खाताधारकों को सिर्फ ₹5 लाख तक की गारंटी

नवंबर 2023 के आंकड़ों के अनुसार, 1997 बैंकों में से आधे से अधिक में जमा राशि का बीमा नहीं था
पहले सीमा 1 लाख रुपये जिसे फरवरी 2020 में बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया
बैंक के डूबने पर खाताधारक को मिलने वाली 5 लाख रुपए की सीमा  25 लाख रुपए कर देना चाहिए
कानपुर 03 दिसम्बर 2025
नई दिल्ली:03 दिसम्बर 2025:
राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य नीरज डांगी ने बुधवार को मांग की कि बैंकों के डूबने के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हर तरह के बैंक खातों में जमा राशि पर बीमा कवर को पांच लाख रुपये से बढ़ा कर 25 लाख रुपये किया जाए। शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हर तरह के बैंक खातों में जमा राशि पर पांच लाख रुपये तक का बीमा होता है, चाहे बैंक में जमा राशि कितनी भी हो।एक खाताधारक के बैंक अकाउंट के सभी प्रकार के खातों में कुल जमा राशि पर 5 लाख रुपए तक का बीमा होता है। किसी बैंक के डूबने पर खाताधारकों को इसी 5 लाख रुपए के अंदर DICGC के तहत भुगतान किया जाता है, चाहे बैंक में जमा राशि कुछ भी हो। DICGC की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2024 में कुल पंजीकृत 1997 बैंकों में कुल जमा राशि के आधे से ज्यादा तक का बीमा नहीं था, जिस पैसे का बीमा नहीं था, वो ज्यादातर बुजुर्गों का था, जो इसके ब्याज पर ही आश्रित हैं। हमारे देश में फेल होने वाले बैंकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, इसलिए मेरा निवेदन है कि किसी बैंक के डूबने पर खाताधारक को मिलने वाली 5 लाख रुपए की सीमा को 25 लाख रुपए कर देना चाहिए।
भारतीय बैंकों में जमा राशि की सुरक्षा के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत प्रत्येक खाताधारक को अधिकतम ₹5 लाख तक का बीमा मिलता है। यह बीमा सभी प्रकार के बैंक खातों, जैसे कि बचत खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), करंट अकाउंट और आवर्ती जमा, पर लागू होता है.
प्रमुख तथ्य:
बीमा की सीमा: DICGC के तहत बीमा की सीमा 5 लाख रुपये तक है। यदि किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है या वह दिवालिया होता है, तो खाताधारकों को सिर्फ ₹5 लाख तक की गारंटी मिलती है.
इतिहास: पहले यह सीमा 1 लाख रुपये थी, जिसे फरवरी 2020 में बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया, इसके बाद कई बैंकों में वित्तीय संकटों के चलते। नवंबर 2023 के आंकड़ों के अनुसार, 1997 बैंकों में से आधे से अधिक में जमा राशि का बीमा नहीं था, इस वजह से यह मुद्दा अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.
बीमा कवरेज: बीमा कवरेज में मुख्यधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। जैसे कि यदि किसी के खाते में ₹4.95 लाख का मुख्यधन है और उस पर ₹5,000 का ब्याज है, तो उसकी कुल बीमित राशि ₹5 लाख होगी.
नवीनतम प्रस्ताव: वर्तमान में, केंद्र सरकार बीमा की सीमा को ₹10 लाख तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा उठाया गया है, और इसे अगले छह महीने में एक निर्णय लेने की संभावना है.
लाभार्थियों की संख्या: यदि बीमा सीमा बढ़ाई जाती है, तो इसका लाभ लाखों खाताधारकों को मिलेगा, जो अपनी जमा राशि का अधिकतर हिस्सा बैंकों में रखते हैं.
भविष्य में बढ़ती आर्थिक चिंताओं के साथ, यह आवश्यक है कि भारत में बैंकिंग सुरक्षा और बीमा सीमा को बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक खाताधारकों को सुरक्षा मिले। 5 लाख रुपये की बीमा सीमा वर्तमान में काफी कम है, और सरकार द्वारा इसे बढ़ाने पर विचार हो रहा है।
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