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भारत मूल की कोलंबिया विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय शोध छात्रा रंजनी श्रीनिवासन छात्र वीजा रद्द होने के बाद अमेरिका छोड़कर कनाडा चली गई।। कहा कि व माहौल बहुत अस्थिर और खतरनाक

 रंजनी के छात्र वीजा को 'आतंकवादी समर्थक' होने के आरोप में रद्द किया गया

श्रीनिवासन के मामले ने शिक्षा एवं छात्र वीजा प्रणाली के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर सवाल खड़े किए
विदेशी छात्रों को चिताएं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
गणतंत्र का सिद्धांत व्यक्ति को अपनी आवाज़ व्यक्त करने का अधिकार है ।




कानपुर 17, मार्च, 2025
16 , मार्च, 2025 कोलंबिया अमेरिका में भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन के मामले ने शिक्षा एवं छात्र वीजा प्रणाली के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर सवाल खड़े किए हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा रंजनी के छात्र वीजा को 'आतंकवादी समर्थक' होने के आरोप में रद्द किया गया, जिसके फलस्वरूप उन्हें अमेरिका छोड़कर कनाडा जाने का निर्णय लेना पड़ा। यह निर्णय यात्रा को प्रभावित करने के साथ वैश्विक राजनीतिक संवाद और मानवीय अधिकारों की जटिलताओं प्रदर्शित करती है ।श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय में जो शहरी नियोजन में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही थीं। इससे पहले, उन्होंने फुलब्राइट स्कॉलरशिप पर हार्वर्ड से मास्टर डिग्री प्राप्त की थी।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, "मुझे डर है कि निम्न-स्तरीय राजनीतिक भाषण या सोशल मीडिया पोस्ट - , जहाँ कोई आपको आतंकवादी समर्थक कह सकता है और आपको सचमुच अपने जीवन और अपनी सुरक्षा के लिए डरा भयावह दुःस्वप्न में बदल सकता है" फैडरल प्रतिनिधि एक सप्ताह से अधिक समय पहले शुक्रवार की सुबह विश्वविद्यालय परिसर में उसके दरवाजे पर उसकी तलाश में आए थे। उसने पहली बार दरवाजा नहीं खोला। पिछले गुरुवार को फैडरल प्रतिनिधि के उसकी तलाश में आने से पहले उसने लागार्डिया हवाई अड्डे से उड़ान भरी।
रंजनी श्रीनिवासन को पहली बार 5 मार्च को अपने वीजा रद्द होने के बारे में पता चला, जब उन्हें चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से एक ईमेल मिला। ईमेल में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था। भ्रमित और अनिश्चित, वह मार्गदर्शन के लिए कोलंबिया के अंतर्राष्ट्रीय छात्र कार्यालय पहुंची। श्रीनिवासन ने कहा कि उनके छात्र वीजा रद्द होने के तुरंत बाद, विश्वविद्यालय ने उनका नामांकन वापस ले लिया क्योंकि उनकी कानूनी स्थिति समाप्त हो गई थी। होमलैंड सुरक्षा विभाग द्वारा श्रीनिवासन पर हमास का समर्थन करने का आरोप लगाए जाने के बाद स्थिति और बिगड़ गई, जिसके लिए कोई सबूत नहीं दिया गया। आरोपों के जवाब में, श्रीनिवासन की कानूनी टीम ने आरोपों को खारिज कर दिया, उन्हें राजनीतिक भाषण पर व्यापक कार्रवाई का हिस्सा बताया। श्रीनिवासन को उस दिन विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर गिरफ्तार किया गया था, जब पिछले साल परिसर में एक इमारत हैमिल्टन हॉल पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया था। वह भीड़ का सक्रिय हिस्सा नहीं थी, बल्कि दोस्तों के साथ पिकनिक के बाद घर लौटने की कोशिश कर रही थी, जब वह भीड़ में फंस गई। बाद में मामला निरस्त कर दिया गया। श्रीनिवासन के भाग जाने के बाद, होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने उनके जाने की निगरानी फुटेज साझा की, उन्हें "आतंकवादी समर्थक" करार दिया और उनके भागने को "स्व-निर्वासन" के रूप में बताया।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा ‘आतंकवादी समर्थक’ होने के आरोप में उसका छात्र वीजा रद्द किए जाने के बाद भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन अमेरिका छोड़कर कनाडा चली गई।रंजनी ने अपने स्व-निर्वासन के पहले सार्वजनिक बयान में इस निर्णय का कारण स्पष्ट किया ‘स्व-निर्वासन’ के बाद उसने देश छोड़ने का कारण अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में बताया कि जब उन्हें आरोप का सामना करना पड़ा, तो महसूस किया कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में उन्हें अपने आत्म-सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनके अनुसार, इस तरह के आरोप सम्पूर्ण समुदाय व व्यक्तिगत स्तर पर प्रभाव डालते हैं।
अमेरिका में रहने वाले विदेशी छात्रों को कितनी चिताएं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासकर जब राजनीतिक परिस्थितियाँ अस्थिर धीरे-धीरे क्षीण हो जाती हैं, गणतंत्र का सिद्धांत व्यक्ति को अपनी आवाज़ व्यक्त करने का अधिकार है ।
रंजनी का कनाडा जाना उनके व्यक्तिगत नायकत्व को परिभाषित कर दर्शाती है कि शिक्षार्थियों की आवाज़ें सीमाओं से परे हैं।हर व्यक्ति की गरिमा और सुरक्षा का सम्मान होना अनिवार्य है। हमें विवेक और समझदारी के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखना चाहिए, यह एक महत्वपूर्ण संदेश है ।
रंजनी श्रीनिवासन का अनुभव उन लाखों छात्रों के लिए एक चेतावनी है, जो वैश्विक शिक्षा प्रणाली में भाग लेते हैं। यह हम सभी के लिए विचार का विषय है कि हमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मानवाधिकारों और शिक्षा की प्रकृति को किस प्रकार संरक्षित करना चाहिए।
साक्षात्कार में 37 वर्षीय छात्रा ने कहा कि वहां का माहौल बहुत अस्थिर और खतरनाक लग रहा था। इसलिए न्यूयॉर्क छोड़कर कनाडा जाने का तुरंत निर्णय लिया,

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