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रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता नहीं होता है, तो तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

जेलेंस्की ने युद्ध विराम की संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए
मामला तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है। हमें इसे सुलझाना होगा
प्रेसिडेंट (जो बाइडेन) ने तुझे 320 बिलियन डॉलर के हथियार दिए थे जिससे तेरी आर्मी लड़ रही थी।
कल अमेरिका की हेल्प रुकी तो अकेले कितना लड़ लेगा जानता है।
तेरे यहां बहुत लोग मर चुके हैं, औरों को मत मरवा

कानपुर 8, मार्च, 2025
मार्च,7 2025 वाशिंगटन, डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "अगर वे (रूस और यूक्रेन) समझौता नहीं करना चाहते हैं। हम वहां से निकल चुके हैं। हम चाहते हैं कि वे समझौता कर लें और मैं मौत को रोकने के लिए ऐसा कर रहा हूं... मैंने पिछले हफ़्ते या उससे भी ज़्यादा समय तक देखा कि यूरोप में क्या चल रहा है। अगर हम इसे सुलझा नहीं पाए तो यह मामला तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है। हमें इसे सुलझाना होगा"
एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार
कल ट्रंप ने यूक्रेन के जेलेंस्की को बुला के आटा दाल का भाव समझाया है। ट्रंप ने रूस -यूक्रेन के बीच युद्धविराम की सुलह के लिए मीटिंग बुलाई थी। जेलेंस्की उसमें ओवर स्मार्ट बन रहा था। तो ट्रंप ने बोला कि सुन भाई, तेरे पास ना पैसा है न हथियार न मिलिट्री। तू अच्छी तरह जानता है कि ये युद्ध तू कभी जीतेगा नहीं। तो क्यों जबरजस्ती खींचे जा रहा है। तेरे यहां बहुत लोग मर चुके हैं, औरों को मत मरवा। तू "तृतीय विश्व युद्ध" के साथ जुआ खेल रहा है और पत्ते तेरे पास है नहीं इस गेम को खेलने के।
जेलेंस्की: युद्ध में सबको समस्या आती है। आपकों भी तो आईं। आपके पास अच्छे समुद्र तट और बंदरगाह हैं इस लिए आप झेल जाते हैं। कल आपको भी समस्याएं आएगी तब अहसास .....
ट्रंप: ओ ओ.. रुक रुक.. मुझे क्या समस्या जायेगी क्या नही वो तू छोड़ दे.. तू अपना देख.. यहां तेरी पंचायत के लिए बुलाया है। और सुन, मेरे बेवकूफ प्रेसिडेंट (जो बाइडेन) ने तुझे 320 बिलियन डॉलर के हथियार दिए थे जिससे तेरी आर्मी लड़ रही थी। कल को अमेरिका की हेल्प रुकी तो तू अकेले कितना लड़ लेगा तू भी जानता है।
जेलेंस्की: हम शुरू से अकेले लड़े और बहादुरी....
ट्रंप: अब चुप हो जा बहुत बोल लिया.. अब मेरी सुन.. या तो मेरी बात मान और युद्ध रोक। या फिर तू अपना देख ले.. अपने दम पे लड़ लेना आगे का युद्ध.. और तुझे पता है कि ये अच्छा नहीं गुजरेगा तेरे देश पे..
जेलेंस्की: रूस अगर शर्त नहीं मानेगा तब क्या गारंटी है ? उसने पहले भी नहीं मानी थी।
ट्रंप : पहले बाइडेन था जो बेकार प्रेसिडेंट था, उसने पुतिन की कभी इज्जत नहीं की इस लिए पुतिन ने भी कभी उसकी इज्जत नहीं की। पुतिन मेरी सुनेगा और मानेगा भी। तू युद्ध विराम कर, ये टीवी का नाटक बंद कर।
दरअसल ग्राउंड रियलिटी भी यही है कि यूक्रेनियन अब आर्मी में जाना नहीं चाहते। जेलेंस्की चाहता है कि अमेरिका उसकी और मदद करे। ट्रंप का कहना है की यूक्रेन को उस युद्ध में जाना ही नहीं चाहिए था।
ट्रंप का बात करने का तरीका थोड़ा अकडू या अनयूजुअल है लेकिन बंदा बात सही कह रहा है। बहुत युद्ध हो लिए दुनियां में अब थोड़ा शांति धरो। #कालचक्र
अंत में: जेलेंस्की ने युद्ध विराम की संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए। अब यूरोप के एक दो देशों के भरोसे है यूक्रेन। वही यूरोप जिसकी 70% पावर सप्लाई रूस से आती है। जो सीधे युद्ध में रूस से कभी नहीं लड़ेगा। पुराने हथियारों की टेस्टिंग के लिए पीछे से यूक्रेन को पकड़ा देगा जिसमें मारेगी यूक्रेन आर्मी।
जिलेस्की अब युद्ध नहीं रोक सकता। युद्ध शुरू करना एक गलती थी लेकिन अगर खुद ने मान लिया तो दुनियां उसे हमेशा ऐसे नेता के रूप में याद रखेगी जिसने फालतू में युद्ध करके अपना देश बर्बाद कर लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता नहीं होता है, तो तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है। ट्रंप ने इस संदर्भ में स्पष्ट किया कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की रणनीतियाँ और उनकी कार्रवाईयां लाखों लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल सकती हैं।
ट्रंप के अनुसार यूक्रेन को रूस के साथ युद्धविराम पर समझौता करने के लिए झुकना चाहिए, अन्यथा उनके वर्तमान रवैये के चलते तीसरे विश्व युद्ध का जोखिम बढ़ सकता है।
अमेरिका को इस संघर्ष में मध्यस्थता करनी चाहिए और शांति बनाए रखने के लिए संभव समझौतों पर ध्यान देना चाहिए। ट्रंप के अनुसार यूक्रेन के लिए आवश्यक है कि वह वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखकर समझौते के लिए सहमत हो जाए, अन्यथा स्थिति और गंभीर हो सकती है।
ट्रंप का बयान और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यूक्रेन के प्रति अमेरिका की रणनीति और इससे जुड़े वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर प्रकाश पड़ता है। यदि स्थिति में बदलाव नहीं आता है, तो यह संभव हो सकता है कि संघर्ष आगे बढ़े, जिससे वैश्विक स्तर पर एक बड़ा संकट उत्पन्न हो सके।
ट्रंप ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि यदि सही समय पर कदम नहीं उठाए गए तो परिणाम अत्यंत गंभीर होंगे।

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