कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश दिवाली लक्ष्मी पूजा 2025 के लिए मुहूर्त

• धनतेरस: 17 अक्टूबर 2025
• नरक चतुर्दशी: 18 अक्टूबर 2025
•दिवाली 19 अक्टूबर 2025
• गोवर्धन पूजा: 20 अक्टूबर 2025
• भाई दूज: 21 अक्टूबर 2025
कानपुर : 16 अक्टूबर 2025

दिवाली लक्ष्मी पूजा 2025 के लिए कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश का विस्तृत विवरण 🎆:
🕯️ पूजा मुहूर्त कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश के अनुसार
• तिथि: रविवार, 19 अक्टूबर 2025
• लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त:
• प्रदोष काल: शाम 05:45 बजे से रात 08:15 बजे तक
• स्थिर लग्न (वृषभ लग्न): शाम 07:10 बजे से रात 09:05 बजे तक
• अमावस्या तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर को सुबह 04:25 बजे
• अमावस्या तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर को सुबह 02:10 बजे
स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक माना जाता है क्योंकि यह धन और स्थायित्व का प्रतीक है।
🪔 पूजा विधि और अनुष्ठान
• साफ-सफाई: घर और पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें, दीपक और रंगोली से सजाएं।
• स्थापना: लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
• स्नान और श्रृंगार: देवी लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं और वस्त्र, आभूषण पहनाएं।
• पूजन सामग्री:
• कलश, नारियल, सुपारी, अक्षत, रोली, चावल, फूल, दीपक, धूप, कपूर
• मिठाई, फल, खील-बताशे, धनिया के बीज
• मंत्र और आरती: लक्ष्मी जी की आरती करें, "ॐ महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप करें।
🍛 भोग और प्रसाद
• भोग में शामिल:
• खील-बताशे, धनिया के बीज, मिठाई (लड्डू, पेड़ा, बर्फी)
• सूखे मेवे, फल, पंचामृत
• विशेष प्रसाद: कुछ घरों में धनिया के बीज और बताशे को विशेष रूप से लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाता है।
🎆:लक्ष्मी पूजा का मंत्र
दीप जलाते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए |
'शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
🎆:🕯️ पूजा मुहूर्त कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश के अनुसारदीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।एकाक्षरी मंत्र 'श्रीं'
'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम:'।
'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।'
'ॐ ऐं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।'
'ॐ ऐं क्लीं सौ:।'
'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं जगत्प्रसूत्यै नम:।'
'ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं लक्ष्मी ममगृहे धनं पूरय चिन्ताम् दूरय स्वाहा।'
'ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नम:।'
'ॐ श्रीं च विद्महे अष्ट ह्रीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी-विष्णु प्रचोद्यात।'
उपरोक्त मंत्रों का जप यथाशक्ति पूजन करते हुए करें। मुख्य मंत्र बोलते हुए इस प्रकार पूजन आरंभ करें, जैसे 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: आवाह्यामि नम:।'
📜 अन्य जानकारी
• धनतेरस: 17 अक्टूबर 2025
• नरक चतुर्दशी: 18 अक्टूबर 2025
• गोवर्धन पूजा: 20 अक्टूबर 2025
• भाई दूज: 21 अक्टूबर 2025
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