तेजस्वी यादव एक नई 'बिहार अधिकार यात्रा' शुरू कर रहे हैं
कांग्रेस और राजद का राजनीतिक स्थिति पर ध्यान नहीं तो फायदा विपक्षी दलों को
"दिल के टुकड़े हजार हुए, कोई यहाँ गिरा, कोई वहाँ गिरा,": केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
तेजस्वी की अलग यात्रा का संकेत खुद एक स्वतंत्र नेता के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
झामुमो का छह विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय
19 अक्टूबर 2025: पटना : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में महागठबंधन के टूटने का फायदा उठाया है, जिसे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के चले जाने से एक नया मोड़ मिला है। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस स्थिति के लिए कांग्रेस के राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव के 'अहंकार' को जिम्मेदार ठहराया कि इन नेताओं की आत्म-केन्द्रित सोच ने महागठबंधन को कमजोर किया है।
महागठबंधन को लेकर चल रही अंदरूनी कलह ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। तेजस्वी यादव एक नई 'बिहार अधिकार यात्रा' शुरू कर रहे हैं, जो उस समय की जा रही है जब महागठबंधन के भीतर सीट वितरण को लेकर गंभीर विवाद उत्पन्न हो चुका है। यही नहीं, झामुमो ने भी छह विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जिससे महागठबंधन में दरार और बढ़ गई है।
भाजपा के नेताओं ने महागठबंधन पर यह तंज कसा है कि यह अब 'बिखराव' की स्थिति में है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "दिल के टुकड़े हजार हुए, कोई यहाँ गिरा, कोई वहाँ गिरा," यह दर्शाता है कि महागठबंधन की एकता कमजोर पड़ गई है।
इस दौर में महागठबंधन के अंदर चर्चा है कि यदि कांग्रेस और राजद अपनी राजनीतिक स्थिति पर ध्यान नहीं देते हैं, तो इसका फायदा विपक्षी दलों को मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छोटे दलों का वोट बैंक स्प्लिट से लाभ उठाने की उम्मीद है, जबकि तेजस्वी की अलग यात्रा इस बात का संकेत दे रही है कि वे खुद को एक स्वतंत्र नेता के रूप में स्थापित करना चाह रहे हैं।
महागठबंधन स्थिति को कैसे संभालता है और इसका प्रभाव विधानसभा चुनाव पर किस तरह से पड़ता है। यह भविष्य के गर्त मे है ।
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